Chhangur Baba की किताब में छिपी ग़ज़वा-ए-हिन्द की तैयारी? जांच एजेंसियों को मिला बड़ा सुराग

Published : Jul 19, 2025, 10:29 AM IST
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सार

Chhangur Baba news: यूपी में धर्मांतरण के आरोपों में फंसे छांगुर बाबा को लेकर एक नया खुलासा हुआ है। बाबा ने लाहौर पब्लिकेशन की किताब के अंशों को अपनी किताब में छपवाकर लोगों में बांटा और इस्लाम कबूल करने का संदेश फैलाया।

Chhangur Baba conversion case: धर्मांतरण के नाम पर चल रहे नेटवर्क का पर्दाफाश होते ही उत्तर प्रदेश के छांगुर बाबा फिर से सुर्खियों में हैं। अब जो खुलासा हुआ है, उसने पूरे मामले को एक नया मोड़ दे दिया है। बाबा द्वारा बांटी गई किताब में जो बातें लिखी हैं, वो न सिर्फ भावनाओं से खेलने वाली हैं, बल्कि समाज के ताने-बाने को तोड़ने की साजिश भी प्रतीत होती हैं।

किताब में क्या लिखा था? क्यों मचा है बवाल?

जांच एजेंसियों के हाथ लगी उस किताब की सामग्री में साफ तौर पर धर्मांतरण को प्रेरित करने वाली बातें पाई गई हैं। किताब में लिखा गया है कि “अल्लाह ने इस्लाम कबूल करने वालों को नहरों से भरी जन्नत में बेहतरीन घर देने का वादा किया है। पाक इरादे से इस्लाम कबूल करना दुनिया की सारी दौलत से बेहतर है।” यही नहीं, उसमें यह भी कहा गया कि अल्लाह के बंदों को जानबूझकर अहम पदों से दूर रखा गया ताकि शरिया लागू न हो सके।

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क्या है किताब का मकसद?

इस किताब का मकसद केवल धार्मिक उपदेश देना नहीं, बल्कि गहरी रणनीति के तहत धर्म परिवर्तन को बढ़ावा देना था। किताब में बार-बार यही दोहराया गया है कि “आपके दुःख खत्म हो सकते हैं अगर आप अल्लाह की पनाह में आ जाएं। आपके दुश्मन नर्क में पहुंच जाएंगे।” यानी सीधा-सीधा डर और लालच के ज़रिये कमजोर वर्गों को आकर्षित करने की कोशिश की गई।

जांच में सामने आया है कि इस किताब के कई अंश लाहौर पब्लिकेशन से छपी एक किताब से लिए गए थे। इन अंशों को जोड़कर छांगुर बाबा ने अपनी किताब बनाई और उसे अलग नाम से प्रचारित किया। सूत्रों के मुताबिक, यह किताब नेपाल बॉर्डर के गांव-गांव में बांटी जा रही थी, ताकि सीमावर्ती इलाकों में धर्मांतरण की जमीन तैयार की जा सके।

कौन है रशीद और क्या बताया उसने?

रशीद नाम के व्यक्ति ने जांच एजेंसियों को बताया कि किताब की सामग्री पहले से तय थी और उसका लक्ष्य बहुत ही स्पष्ट था, धर्मांतरण को विचार के स्तर पर मजबूत करना और लोगों को एक खास दिशा में मोड़ना। उसने यह भी कहा कि किताब हर गांव में पहुंचाई जा रही थी, खासकर नेपाल बॉर्डर के आसपास के इलाकों में।

धर्म के नाम पर 'ग़ज़वा ए हिंद' की बात क्यों?

किताब में एक और गंभीर बात सामने आई “आपका यह जन्म इस मुल्क में ग़ज़वा ए हिंद के मकसद के लिए हुआ है।” यह वाक्य न सिर्फ सांप्रदायिक भावना भड़काने वाला है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से भी खिलवाड़ जैसा है। शब्दों के माध्यम से लोगों के मन में एक विशेष विचारधारा बैठाने की ये साजिश अब धीरे-धीरे उजागर हो रही है।

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