
Chhangur Baba Case: देशभर में अवैध धर्मांतरण और मनी लॉन्ड्रिंग की गुत्थी को सुलझाने में जांच एजेंसियों को एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में सामने आया है कि छांगुर उर्फ जमालुद्दीन को तुर्की की एक शेल कंपनी से लगातार फंडिंग मिल रही थी। इन पैसों का इस्तेमाल सीमावर्ती इलाकों में इस्लामिक गतिविधियों को फैलाने और अवैध धर्मांतरण के लिए किया जा रहा था।
ईडी की जांच में यह साफ हुआ है कि तुर्की स्थित इस कंपनी से छांगुर के करीबी नवीन रोहरा को सीधे फंडिंग मिल रही थी। दो साल के भीतर उसके विदेशी खातों में करीब 20 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए। चौंकाने वाली बात यह है कि 2019-20 से पहले नवीन की सालाना आय महज 5 से 6 लाख रुपये थी, लेकिन अचानक उसके खातों में करोड़ों रुपये आने लगे।
जांच एजेंसियों को पता चला है कि नवीन रोहरा ने यूएई में पांच कंपनियां खोली थीं और उनके जरिए कई बैंक खाते भी बनाए। इनमें से एक खाता शारजाह स्थित स्विस बैंक का था, जहां करोड़ों रुपये भेजे गए। जांच से यह भी सामने आया कि इन पैसों का इस्तेमाल नेपाल बॉर्डर पर धर्मांतरण और कट्टरपंथी गतिविधियों को बढ़ावा देने में किया गया।
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ईडी सूत्रों का कहना है कि छांगुर का गिरोह सिर्फ धर्मांतरण तक ही सीमित नहीं था, बल्कि राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में भी सक्रिय था। देशभर में फैले इस नेटवर्क से तीन हजार से ज्यादा लोग जुड़े हुए थे। इतना ही नहीं, छांगुर ने दुबई, सऊदी अरब और तुर्की जैसे देशों में भी अपनी गहरी पकड़ बना ली थी। एजेंसियां अब इस पूरे नेटवर्क से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के नामों का पता लगाने में जुटी हैं। आने वाले दिनों में यह खुलासा हो सकता है कि किन विदेशी संगठनों ने भारत में अवैध धर्मांतरण के लिए फंडिंग की।
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