
लखनऊ। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान अनुपूरक बजट पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन के समक्ष सरकार की प्राथमिकताओं, उपलब्धियों और नीतियों को स्पष्ट रूप से रखा। साथ ही उन्होंने विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों का तथ्यों के साथ जवाब भी दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरक्षा, कानून का राज और विकास उत्तर प्रदेश सरकार की शीर्ष प्राथमिकताएं हैं और इन्हीं आधारों पर प्रदेश की छवि देश और दुनिया में बदली है। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर तीखा हमला करते हुए कहा कि जो उपदेश आज सरकार को दिए जा रहे हैं, यदि वे पहले की सरकारों को दिए गए होते तो प्रदेश की स्थिति कुछ और होती।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नेता प्रतिपक्ष और सभी दलों के नेताओं का धन्यवाद करते हुए कहा कि शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में उठाए गए अधिकांश विषय आम जनता से जुड़े हुए हैं और प्रदेश के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।
उन्होंने कहा कि विपक्ष द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण सुझावों को सरकार गंभीरता से लेती है और उन पर आवश्यक कार्रवाई भी की जाएगी। मुख्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष को वरिष्ठ और अनुभवी बताते हुए कहा कि उनकी सहजता और सरलता सदन को सकारात्मक दिशा देती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष में रहते हुए सरकार के कार्यों की आलोचना करना स्वाभाविक है, क्योंकि यही विपक्ष की भूमिका होती है। आपने सरकार के बजट के आकार और पिछले लगभग साढ़े आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में सरकार के योगदान पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यदि आज से नौ-दस वर्ष पहले, जब समाजवादी पार्टी सत्ता में थी और भाजपा विपक्ष में थी, उस समय ये उपदेश दिए गए होते, तो संभवतः प्रदेश की स्थिति अलग होती।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में अराजकता, अव्यवस्था और पहचान का संकट था। इसके लिए कौन जिम्मेदार था, यह प्रदेश की जनता भली-भांति जानती है। उन्होंने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए स्पष्ट नीति और मजबूत इच्छाशक्ति की आवश्यकता होती है। इसके चार प्रमुख आयाम होते हैं और सरकार ने चारों पर प्रभावी ढंग से काम किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी व्यक्ति, समाज या संस्था सबसे पहले सुरक्षा चाहता है। कानून का राज हो, हर व्यक्ति, हर बेटी और हर व्यापारी खुद को सुरक्षित महसूस करे, यह किसी भी सरकार की पहली जिम्मेदारी होती है। उन्होंने कहा कि 2017 से पहले और 2017 के बाद उत्तर प्रदेश की छवि में जो बदलाव आया है, वह देश और दुनिया दोनों के सामने है। पहले प्रदेश की पहचान दंगों और अराजकता से जुड़ी थी, जो सभी को पीड़ा देती थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज प्रदेश के भीतर और बाहर जाने पर लोग स्वयं कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में अब सुरक्षा का बेहतर माहौल है। दंगे नहीं होते, अराजकता नहीं है और कानून का राज स्थापित हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि न्याय कैसे किया जाता है, इसका उदाहरण पूजा पाल प्रकरण में देखा जा सकता है। पहले माफियाओं के सामने झुकना मजबूरी थी, लेकिन आज सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि बेटी किसी भी पक्ष की हो, उसे हर हाल में न्याय मिलेगा। उन्होंने कहा कि जिस रिद्धिमा यादव का मामला सदन में उठाया गया है, उसे भी न्याय सरकार अवश्य देगी। यह केवल सत्ता या विपक्ष का विषय नहीं, बल्कि प्रदेश की सुरक्षा और सम्मान का विषय है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसी भी स्मारक, पौराणिक स्थल या सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा स्वीकार नहीं किया जाएगा। चाहे कोई भी हो, अवैध अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकारी भूमि गरीबों के लिए है, न कि माफियाओं के लिए। अवैध कब्जे और अनैतिक गतिविधियों पर सरकार कठोर कदम उठाएगी।
मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब सदन में ग्रामीण अभिलेख संशोधन विधेयक लाया गया, तो समाजवादी पार्टी ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक पहली बार गरीब को उसके मकान का वैधानिक अधिकार देता है और यह अधिकार महिला सदस्य के नाम पर दर्ज होगा, जिससे वह आर्थिक रूप से सशक्त बन सके।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यदि कोई माफिया या असामाजिक तत्व सरकारी भूमि पर कब्जा कर अनैतिक गतिविधियां करेगा, तो उस पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि यही सुरक्षा और कानून का वातावरण है, जिसने उत्तर प्रदेश की छवि बदली है और जिसके कारण आज प्रदेश में निवेश बढ़ रहा है। यह परिवर्तन परिणाम आधारित है और प्रदेश की जनता ने इसका उत्तर पहले दिया है और आगे भी देती रहेगी।
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