
CM Yogi On Opposition: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश कभी बीमारू राज्य नहीं था, लेकिन बेईमान राजनीतिक दलों और भ्रष्टाचार की राजनीति ने इसे पीछे धकेल दिया। योगी ने कहा कि 2017 से पहले नौकरियों में बंदरबांट होती थी और योग्य युवा भेदभाव के शिकार बनते थे।
लोकभवन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के तहत चयनित 2,425 मुख्य सेविकाओं और 13 फार्मासिस्टों को नियुक्ति पत्र बांटे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हर युवा को समान अवसर मिल रहे हैं और नौकरियां पारदर्शिता से पहुंच रही हैं।
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योगी ने कहा कि 1947 से 1960 तक यूपी देश का अग्रणी प्रदेश था, लेकिन बाद की सरकारों ने भ्रष्टाचार और परिवारवाद से इसे पीछे धकेला। उन्होंने कहा कि 2017 से पहले नियुक्तियां ही नहीं होती थीं, और होती भी तो केवल बंटवारे और भ्रष्टाचार के आधार पर।
मुख्यमंत्री ने स्कूल मर्जर और शिक्षा नीति पर विपक्ष को घेरा। उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास कोई ठोस मुद्दा नहीं है और वह सिर्फ नकारात्मकता फैलाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। सीएम ने स्पष्ट किया कि जर्जर भवनों और खाली विद्यालयों को बेहतर प्रयोग में लाने की योजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति का हिस्सा है।
सीएम योगी ने कहा कि पुलिस भर्ती में बेटियों की बड़ी संख्या में चयन और शिक्षकों की भर्ती ने यूपी में महिला सशक्तिकरण को नई ऊँचाइयों पर पहुंचाया है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, सामूहिक विवाह योजना और मातृ वंदना योजना जैसी योजनाओं से लाखों बेटियों को सीधा लाभ मिला है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि 2017 के बाद प्रदेश में महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य सूचकांकों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। आंगनबाड़ी केंद्रों के कायाकल्प और पोषण मिशन से बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास पर सीधा असर पड़ा है।
सीएम योगी ने नवचयनित मुख्य सेविकाओं और फार्मासिस्टों से कहा कि भेदभाव मुक्त और ईमानदारी से सेवा करना ही असली कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी और बाल विकास विभाग की मजबूत भूमिका से ही 2047 तक विकसित भारत का सपना पूरा होगा।
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