
उत्तर प्रदेश को 2047 तक विकसित और विश्व स्तर पर निवेश के अनुकूल प्रदेश बनाने के संकल्प के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एयर कनेक्टिविटी को अहम आधार बनाया है। उनका विजन है कि अगले 22 वर्षों में प्रदेश को एविएशन सेक्टर का हब बनाया जाए। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ‘एक मंडल, एक इंटरनेशनल एयरपोर्ट’ का संकल्प लिया है।
यूपी में आने वाले वर्षों में ग्रीन स्मार्ट हाईवे, एयर कार्गो हब, रीजनल एयरस्ट्रिप्स, हेलिपोर्ट और आधुनिक एविएशन इकोसिस्टम विकसित किए जाएंगे। हर जिले को एयर कनेक्टिविटी से जोड़कर प्रदेश को वैश्विक निवेश और औद्योगिक विकास का केंद्र बनाया जाएगा।
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2017 से पहले उत्तर प्रदेश में हवाई कनेक्टिविटी बेहद सीमित थी। केवल कुछ चुनिंदा हवाई अड्डे संचालित हो रहे थे और अधिकांश जिले हवाई नेटवर्क से कटे हुए थे। औद्योगिक और ग्रामीण क्षेत्रों में हवाई संपर्क लगभग न के बराबर था, जिससे निवेश और विकास प्रभावित होते थे।
साढ़े आठ सालों में प्रदेश की तस्वीर पूरी तरह बदल गई। वर्तमान में:
विशेष रूप से जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट एशिया के सबसे बड़े और अत्याधुनिक हवाई अड्डों में शामिल होगा। यह न केवल यात्रियों के लिए सुविधा देगा बल्कि कार्गो और ट्रांजिट हब के रूप में भी प्रदेश के विकास में गेम-चेंजर साबित होगा।
जेवर एयरपोर्ट में मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉल (MRO) सेंटर की स्थापना की जा रही है। इससे यूपी को वैश्विक विमानन मानचित्र पर नई ऊंचाई मिलेगी और प्रदेश एशिया के एविएशन पावर सेंटर के रूप में उभरेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह विजन केवल एयर कनेक्टिविटी तक सीमित नहीं है। यह उत्तर प्रदेश को वैश्विक निवेश, औद्योगिक विकास और लॉजिस्टिक पावरहाउस के रूप में स्थापित करने का महत्वाकांक्षी प्रयास है। 2047 तक यूपी का हर जिले तक हवाई संपर्क का सपना अब हकीकत के करीब है।
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