
राष्ट्र की सुरक्षा, नागरिकों की शांति और देश की प्रगति - इन तीनों का रिश्ता अटूट है। मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि केवल वही राष्ट्र सुरक्षित रह सकता है, जो अपने नागरिकों का संरक्षण करे और दुष्ट तत्वों का विनाश करे। सुरक्षा का वातावरण ही समृद्धि के लक्ष्यों को प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करता है।
अयोध्या में आयोजित "भारत के समक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियां" विषयक संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आंतरिक अराजकता किसी भी राष्ट्र को खोखला बना देती है। उन्होंने पाकिस्तान को इसका उदाहरण बताते हुए कहा कि वहां की अव्यवस्था ने उसे लगभग असफल राष्ट्र बना दिया है।
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सीएम योगी ने कहा कि वैदिक परंपरा से ही भारत ने धरती को मां माना है। ऐसे में भारत मां की आन-बान-शान के खिलाफ कोई भी दुस्साहस होगा तो हर भारतीय उसके विरुद्ध खड़ा होगा। उन्होंने श्रीराम और श्रीकृष्ण के उद्धरणों के माध्यम से बताया कि उपद्रवियों का विनाश राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अनिवार्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय सेना के परिश्रम और बलिदान से ही नागरिक शांति की नींद सोते हैं। माइनस 50 डिग्री तापमान में भी सैनिक सीमाओं पर डटे रहते हैं। उन्होंने इसे "विकसित भारत" के पंचप्रण से जोड़ा और कहा कि हर नागरिक को सैनिकों के सम्मान का संकल्प निभाना चाहिए।
सीएम योगी ने महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ की पुण्यतिथियों पर उन्हें नमन करते हुए कहा कि दोनों महंतों का जीवन राष्ट्र के प्रति समर्पित रहा। उनकी स्मृति में आयोजित यह संगोष्ठी गुरु परंपरा के प्रति गौरव और कृतज्ञता का अवसर है।
संगोष्ठी के मुख्य अतिथि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने कहा कि युद्ध में सफलता के लिए सरप्राइज फैक्टर सबसे अहम होता है। उन्होंने उरी, बालाकोट और हालिया ऑपरेशनों का जिक्र करते हुए बताया कि भारतीय सेनाओं ने हर बार दुश्मनों को चौंकाकर अपना लक्ष्य पूरा किया।
सीडीएस ने कहा कि आने वाले समय में युद्ध का स्वरूप बदल जाएगा। अब साइबर अटैक, रोबोटिक्स और मानवरहित तकनीकी युद्ध सामने आएंगे। भारत को इसके लिए रणनीतिक संस्कृति और रक्षा संसाधनों में मजबूती लानी होगी।
संगोष्ठी के दौरान सीएम योगी ने डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को याद किया और शिक्षक दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि डॉ. राधाकृष्णन ने शिक्षा को दार्शनिक दृष्टिकोण से समाज और राष्ट्रहित में प्रस्तुत किया।
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