क्या है CM योगी की मास्टर स्ट्रोक स्कीम ODOP 2.0, जिसमें नौकरी भी मिलेगी और बिजनेस भी

Published : Dec 18, 2025, 11:30 AM IST
CM Yogi Adityanath aatmanirbhar bharat UP Vision 2047

सार

CMi Yogi Adityanath Vision : मुख्यमंत्री योगी के विजन से ODOP 2.0 कार्यक्रम सशक्त होगा। इसका फोकस वित्त पोषण, तकनीकी उन्नयन व निर्यात वृद्धि पर है। योजना में अनुदान सीमा ₹50 लाख तक बढ़ाने और सफल इकाइयों को अतिरिक्त सहायता देने का प्रस्ताव है।

लखनऊ, 17 दिसंबर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के महत्वाकांक्षी ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ (ODOP) कार्यक्रम को और अधिक प्रभावी बनाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार का एमएसएमई विभाग ODOP 2.0 की रणनीति तैयार कर रहा है। इसके तहत जहां वर्तमान योजनाओं को अधिक प्रासंगिक और परिणामोन्मुखी बनाया जाएगा, वहीं नई पहलों को भी इसमें शामिल किया जाएगा।

स्थायी रोजगार, स्थानीय उद्यम और निर्यात को बढ़ावा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ODOP 2.0 को लेकर हाल ही में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में कहा कि यह अब केवल एक योजना नहीं, बल्कि स्थायी रोजगार, स्थानीय उद्यम और निर्यात को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का सशक्त माध्यम बने। एमएसएमई विभाग मुख्यमंत्री के इसी विजन के अनुरूप ODOP 2.0 को धरातल पर उतारने में जुट गया है।

अनुदान सीमा ₹50 लाख तक बढ़ाने का प्रस्ताव 

ODOP 2.0 के अंतर्गत वित्त पोषण सहायता योजना को पीएमईजीपी की तर्ज पर विस्तारित करने का प्रस्ताव है। सफल इकाइयों को तकनीकी उन्नयन, गुणवत्ता सुधार और पैकेजिंग के लिए ‘एड-ऑन लोन’ प्रदान किया जाएगा। द्वितीय ऋण के लिए प्रथम ऋण की समयबद्ध अदायगी अनिवार्य होगी तथा टर्म लोन का न्यूनतम 50 प्रतिशत हिस्सा सुनिश्चित करना होगा। इसके साथ ही अनुदान सीमा को वर्तमान ₹20 लाख से बढ़ाकर ₹50 लाख किए जाने का भी प्रस्ताव है।

तकनीकी उन्नयन व पैकेजिंग पर 75 प्रतिशत सहायता

 ODOP सामान्य सुविधा केंद्र (CFC) योजना के अंतर्गत एमएसई-सीडीपी गाइडलाइंस के अनुरूप एक समेकित शासनादेश जारी किए जाने का प्रस्ताव है। इसके तहत न्यूनतम सदस्यों की संख्या 20 से घटाकर 10 करने, राज्यांश को 90 प्रतिशत तक रखने तथा किश्तों को 50-40-10 प्रतिशत के अनुपात में जारी करने का प्रावधान किया जा सकता है। तकनीकी उन्नयन एवं पैकेजिंग के लिए ₹5 करोड़ की परियोजना पर 75 प्रतिशत तक (अधिकतम ₹3.75 करोड़) की अतिरिक्त सहायता दिए जाने का भी प्रस्ताव है।

निर्यात वृद्धि का प्रमुख आधार बन चुका है ODOP 

कमिश्नर एवं डायरेक्टर इंडस्ट्री के. विजयेन्द्र पांडियन के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा वर्ष 2018 में शुरू किया गया ODOP कार्यक्रम आज प्रदेश की निर्यात वृद्धि का एक प्रमुख आधार बन चुका है। वित्तीय वर्ष 2017-18 से अब तक प्रदेश के कुल निर्यात में हुई वृद्धि में लगभग 50 प्रतिशत योगदान ODOP का रहा है। वर्ष 2017 में जहां प्रदेश का कुल निर्यात ₹88 हजार करोड़ था, वहीं 2024 में यह बढ़कर ₹1.86 लाख करोड़ तक पहुंच गया। इसमें ODOP उत्पादों का योगदान लगभग ₹93 हजार करोड़ का रहा है।

इसके अतिरिक्त, अब तक इस योजना के अंतर्गत 1.25 लाख से अधिक टूलकिट्स वितरित की जा चुकी हैं, ₹6 हजार करोड़ से अधिक का ऋण उपलब्ध कराया गया है तथा 8 हजार से अधिक लाभार्थियों को विपणन सहायता प्रदान की गई है। ODOP के तहत 30 सामान्य सुविधा केंद्र (CFC) स्वीकृत किए गए हैं, 44 उत्पादों को जीआई टैग प्राप्त हुआ है और प्रतिष्ठित ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर ODOP उत्पादों की मजबूत उपस्थिति सुनिश्चित हुई है। इन्हीं उल्लेखनीय उपलब्धियों के चलते उत्तर प्रदेश को दो बार राष्ट्रीय ODOP पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।

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