काशी में उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन ने किया 60 करोड़ की धर्मशाला का उद्घाटन, कहा- 'धर्म सदा विजयी होता है'

Published : Nov 01, 2025, 09:43 AM IST
CP Radhakrishnan CM Yogi Adityanath kashi dharmshala inauguration

सार

काशी में उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन और सीएम योगी ने श्री काशी नाटकोट्टाई संस्था की 60 करोड़ की धर्मशाला का उद्घाटन किया। उपराष्ट्रपति ने कहा कि धर्म सदा विजयी होता है और काशी आज मोदी-योगी के नेतृत्व में आध्यात्मिक रूप से पुनर्जन्म ले रही है।

वाराणसी। काशी एक बार फिर आस्था, संस्कृति और एकता के अद्भुत संगम की साक्षी बनी। शुक्रवार को उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में श्री काशी नाटकोट्टाई संस्था द्वारा निर्मित नए धर्मशाला भवन का उद्घाटन किया। यह आधुनिक धर्मशाला 60 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की गई है, जो तमिल और काशी के प्राचीन सांस्कृतिक संबंधों को और गहरा करेगी।

धर्म हमेशा विजयी होता है: उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन

उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन ने कहा कि “धर्म को कभी स्थायी संकट नहीं होता, वह सदैव विजयी होता है।” उन्होंने कहा कि यह नई धर्मशाला उसी धर्म की विजय का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि “25 वर्ष पूर्व जब मैं काशी आया था, तब मैं मांसाहारी था, लेकिन गंगा स्नान के बाद मेरे जीवन में बड़ा परिवर्तन आया और मैंने शाकाहार अपना लिया।”

“काशी आज पूरी तरह बदल चुकी है”- उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन

राधाकृष्णन ने कहा कि 25 साल पहले की काशी और आज की काशी में बहुत अंतर है। उन्होंने कहा, “यह परिवर्तन केवल दो कर्मयोगियों – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ – के कारण संभव हुआ है।” उन्होंने बताया कि जहां भी नाटकोट्टाई समूह सक्रिय होता है, वहां सेवा, धर्म और प्रगति एक साथ आगे बढ़ते हैं। यह धर्मशाला केवल एक इमारत नहीं बल्कि उत्तर और दक्षिण भारत की सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है।

तमिल और काशी के बीच अटूट संबंध

उपराष्ट्रपति ने कहा कि तमिल पंडित, कवि और भक्त सदियों से ज्ञान की तलाश में काशी आते रहे हैं। “कंवर गुरु, महाकवि सुब्रमण्य भारती जैसे विद्वान काशी में बसे। काशी तमिल संगमम ने इस रिश्ते को और मजबूत किया।” उन्होंने कहा कि “काशी की पहचान 72 हजार मंदिरों, हर कण में शिव की उपस्थिति और ‘ॐ नमः शिवाय’ की गूंज से होती है।”

नाटकोट्टाई समूह: सेवा और समर्पण की मिसाल

राधाकृष्णन ने बताया कि इस संस्था की स्थापना 1863 में तमिलनाडु से काशी आने वाले भक्तों की सुविधा के लिए हुई थी। उन्होंने कहा कि “1942 के कर्फ्यू में भी ‘शंभो’ प्रणाली नहीं रुकी। यह समूह दूसरों के लिए जीता है और जहां भी जाता है- सिंगापुर, बर्मा या काशी, अपनी छाप छोड़ता है।”

काशी का आध्यात्मिक पुनर्जागरण जारी

उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में काशी में आध्यात्मिक और सांस्कृतिक पुनर्जागरण हो रहा है। उन्होंने कहा, “हर ओर ‘हर हर महादेव’ और ‘गंगा मैया की जय’ की गूंज सुनाई दे रही है।” उन्होंने अन्नपूर्णा देवी की मूर्ति की वापसी और काशी-तमिल संगमम जैसे आयोजनों को इस बदलाव का प्रतीक बताया।

ग्रीन एनर्जी की दिशा में कदम

उन्होंने बताया कि धर्मशाला में 76 सोलर लैंप्स लगाए गए हैं, जिनकी लागत 1.5 करोड़ रुपये है। यह ग्रीन एनर्जी का प्रतीक है और इससे हर साल करीब 25 लाख रुपये की बिजली की बचत होगी।

PREV

उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Read more Articles on

Recommended Stories

एग्जाम हॉल में अचानक गिर पड़ा छात्र… कुछ ही मिनटों में खत्म हो गई सांसें, वजह...?
UPKL में तुषार कपूर की एंट्री! गजब गाज़ियाबाद को मिला सेलेब्रिटी सह-मालिक