नेपाल में विमान हादसे का शिकार गाजीपुर के 4 युवकों का शव जनपद पहुंचा। 8 दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद शव को लाया जा सका। इस बीच जनपद के 15 लोग काठमांडू में ही रहे।
गाजीपुर: नेपाल विमान हादसे में जान गंवाने वाले यूपी के गाजीपुर के 4 युवकों के शव जनपद पहुंचे। तकरीबन 8 दिनों की दुश्वारियों को झेलने के बाद यह शव गाजीपुर पहुंचे। नेपाल सरकार ने हादसे का शिकार चारों युवकों के शवों को सोमवार देर रात उनके स्वजनों को सौंपा। इसके बाद एंबुलेंस से शव लेकर चलते परिजन मंगलवार को गांव पहुंचे।
शव लेने के लिए 15 लोग गए थे काठमांडू
आपको बता दें कि 15 जनवरी को नेपाल में यति एयरलाइंस का विमान दुर्घटना का शिकार हो गया था। इस विमान में 4 क्रू मेंबर्स समेत कुल 72 लोग सवार थे जिनकी मौत हादसे में हुई थी। काठमांडू से पोखरा जाने के दौरान यह हादसा हुआ था। इस विमान में चकजैनब के निवासी सोनू जायसवाल, अनिल राजभर, अलावलपुर के विशाल शर्मा और धरवां के अभिषेक कुशवाहा भी मौजूद थे। इन चारों की हादसे में मौत हो गई थी। हादसे में युवकों की मौत की जानकारी मिलने के बाद चारों के परिजन, ग्राम प्रधान विजय जायसवाल, रिटायर्ड कानूनगो वंशीधर दुबे समेत 15 लोग काठमांडू गए थे।
शरीर पर मौजूद निशान और पहनावे से हुई शव की पहचान
गाजीपुर से काठमांडू गए यह सभी लोग एक सप्ताह तक वहां भारतीय दूतावास में ठहरे रहें। इस बीच प्रतिदिन उन्हें शव पहचान कराने को लेकर आश्वासन दिया जाता रहा। हालांकि शाम को बिना शव दिए ही वापस भेज दिया जाता। काफी जद्दोजहद के बाद नेपाल सरकार ने शरीर पर मौजूद चिन्ह, पहनावे आदि के आधार पर शवों की पहचान कर उन्हें परिजनों को सौंपा। इसके बाद जब यह चारों शव गाजीपुर पहुंचे तो गांव में कोहराम देखा गया।
परिजनों ने प्रशासन से रखी ये मांग
सोमवार को मृतकों के परिजन जिलाधिकारी से मिलने पहुंचे थे। उनकी गैरमौजूदगी में वह एसडीएम से मिले। परिजनों के साथ ही कांग्रेस के पदाधिकारी भी डीएम कार्यालय पहुंचे थे। परिजनों की मांग है कि प्रत्येक मृतक के परिजनों को 50 लाख रुपए का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। एसडीएम ने इस मांग को वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में लाने का आश्वासन दिया है।
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