Deepotsav 2025: हजारों कमाने वाले अब कमा रहे लाखों, योगी की एक पहल ने बदल दी किस्मत

Published : Oct 16, 2025, 03:32 PM IST
Diwali in Ayodhya

सार

Ayodhya Deepotsav 2025 : योगी सरकार की पहल से मिट्टी के दीयों से अयोध्या के कुम्हारो की किस्मत ही बदल गई। जो कभी हजारों कमा पाते थे, अब वह लाखों रुपए कमा रहे हैं।

Ayodhya Diwali 2025 : दीपोत्सव शुरू होने के बाद से अयोध्या के कुम्हार परिवारों के घरों में खुशहाली का उजाला फैल गया है। जो युवा कभी काम की तलाश में बाहर जाते थे, वे अब अपनी ही धरती पर आत्मनिर्भर बन रहे हैं। योगी सरकार के प्रयासों से शुरू हुए दीपोत्सव ने न केवल अयोध्या की अर्थव्यवस्था को बल दिया है बल्कि पारंपरिक मिट्टी कला को भी नई पहचान दी है। नौवें दीपोत्सव में इस बार 26 लाख 11 हजार 101 दीप जलाने का लक्ष्य रखा गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर दीपोत्सव की तैयारियां युद्धस्तर पर चल रही हैं। अवध विश्वविद्यालय के छात्र, अधिकारी और स्वयंसेवी संगठन भी इस महाउत्सव को ऐतिहासिक बनाने में जुटे हैं।

दो लाख दीए बना रहा किशोर का परिवार

जयसिंहपुर गांव के बृज किशोर प्रजापति बताते हैं कि जबसे दीपोत्सव मनाया जा रहा है, तब से वे और उनका परिवार लगातार दीए बना रहे हैं। इस बार उन्हें दो लाख दीए बनाने का ऑर्डर मिला है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीपोत्सव की परंपरा शुरू कर हमारे जैसे परिवारों को रोजगार से जोड़ा है। अब हम आत्मनिर्भर हैं।

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आधुनिक तकनीक से बढ़ रही उत्पादन क्षमता 

पुराने ढर्रे को छोड़कर अब कुम्हार आधुनिक इलेक्ट्रिक चाक का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे न केवल उत्पादन में तेजी आई है बल्कि दीयों की गुणवत्ता भी बेहतर हुई है। जयसिंहपुर गांव के करीब 40 से अधिक कुम्हार परिवार दीपोत्सव के लिए दिन-रात मिट्टी के दीए बनाने में जुटे हैं।

कभी हजारों में कमाते थे, अब बन रहे लखपति

  •  2017 से पहले ये कुम्हार रोजी-रोटी के लिए संघर्ष करते थे। दीपोत्सव शुरू होने के बाद उनका जीवन पूरी तरह बदल गया है। पहले जहां ये परिवार महीने में 20 से 25 हजार रुपये कमाते थे, वहीं अब दीपोत्सव के दौरान ही लाखों रुपये की आमदनी हो जाती है।
  • सोहावल की पिंकी प्रजापति बताती हैं कि इस बार उन्हें एक लाख दीए बनाने का ऑर्डर मिला है। उन्होंने कहा, पहले दीपावली के समय दीए सस्ते बिकते थे, अब सरकार के आह्वान से बाजार में अच्छा रेट मिल रहा है।

दीपोत्सव ने दी नई पहचान और बाजार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर दीपोत्सव में मिट्टी के दीयों को प्राथमिकता दी जा रही है। इससे स्थानीय कुम्हारों को बड़े स्तर पर ऑर्डर मिल रहे हैं। जयसिंहपुर, विद्याकुण्ड, सोहावल और आसपास के गांवों में इस समय उत्सव जैसा माहौल है। अयोध्या के स्थानीय निवासी रामभवन प्रजापति, गुड्डू प्रजापति, राजू प्रजापति, जगन्नाथ प्रजापति, राम भवन प्रजापति, सुनील प्रजापति और संतोष प्रजापति समेत यहां सैकड़ों की संख्या में पूरा परिवार मिट्टी गूंथने, आकार देने और दीयों को सुखाने-बेचने में जुटा है।

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जानिए, कब कितने दीप जले 

वर्ष             जले दीप

 2017         1. 71 लाख 

2018          3.01 लाख 

2019           4.04 लाख 

2020           6.06 लाख 

2021           9.41 लाख 

2022          15.76 लाख

 2023          22. लाख

 2024          25.1

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