2018 के चर्चित डबल मर्डर केस में परिवार के 7 लोगों को उम्रकैद, मामूली विवाद का हुआ था दर्दनाक अंत

साल 2018 के चर्चित हत्याकांड मामले में न्यायाधीश ने आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही पांच-पांच हजार का अर्थदंड भी लगाया है। इस हत्याकांड में कुल सात लोगों को सजा मिली है। 

Contributor Asianet | Published : Mar 18, 2023 8:44 AM IST / Updated: Mar 18 2023, 05:51 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में उधमसिंह नगर के अपर जिला जज ने सात जनवरी 2018 को सितारगंज में हुए चर्चित दोहरे हत्याकांड के मामले में द्वितीय अपर जिला सत्र न्यायाधीश शादाब बानो की अदालत ने सात हत्यारोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई जबकि जानलेवा हमले के मामले में सात साल की सजा सुनाई। इसके साथ ही अर्थदंड भी लगाया। अभियोजन पक्ष ने अदालत में 16 गवाह पेश किए। तीन लोगों को पहले ही उम्रकैद की सजा दी जा चुकी थी लेकिन अब तीनों के पास दो आजीवन कारावास हैं।

अभियोजन पक्ष में किया गया कई बातों का जिक्र

Latest Videos

अभियोजन पक्ष में बताया गया कि ग्राम जनता फार्म गौरी खेड़ा सितारगंज निवासी अंग्रेज सिंह ने पुलिस में दर्ज कराई रिपोर्ट में कहा गया था कि सात जनवरी 2018 को सितारगंज में नगर कीर्तन का आयोजन हो रहा था। जिसमें वह अपने चचेरे भाई दलजीत सिंह, रजविंदर सिंह के ससुर हरबंश सिंह समेत अन्य रिश्तेदारों के साथ शामिल हुए थे। इसी बीच लाठी-डंडों, धारदार हथियारों और तमंचे से हमला बोल दिया गया था।

2015 से शुरू हो गया था दोनों पक्ष के बीच विवाद

इस वारादत में ग्राम दहड़ा सितारगंज निवासी हरजीत सिंह उर्फ काला, प्रभजोत सिंह उर्फ जोता, जगवीर सिंह, तरसेम सिंह, गुरप्रीत (गुरपेज) सिंह, जजपाल सिंह और बलजीत सिंह शामिल थे। इन सभी के द्वारा हमला करने पर चचेरे भाई दलजीत सिंह और हरबंश सिंह की मौके पर ही मौत हो गई थी। दूसरी ओर अंगरेज सिंह का कहना है कि हत्याओं की शुरुआत 2015 में जमीन विवाद को लेकर उसके पिता की हत्या से हुई थी। जमीन का एक हिस्सा NH चौड़ीकरण के लिए सरकार द्वारा अधिग्रहित किया गया था। इसके बाद से जगवीर ने जमीन पर दावा ठोकना शुरू कर दिया। यह मामला एसडीएम कोर्ट में गया, जिसका फैसला हमारे पक्ष में आया। इस बात से वह खुश नहीं थे इसलिए उन्होंने पिता (जयमल सिंह) को मार डाला।

आरोपी को साल 2017 में मिल गई थी जमानत

पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार भी किया था लेकिन साल 2017 में जमानत मिल गई। साथ ही जगवीर के परिवार ने अंगरेज पर केस वापस लेने के लिए दबाव बनाने की कोशिश भी की। केस वापस लेने को मना करने पर उनके साथ मारपीट की गई। अंगरेज जब नगर कीर्तन में शामिल होकर अपने रिश्तेदारों के साथ घर जा रहा था तो जगवीर और उसके परिवार के छह सदस्यों ने उन पर हमला कर दिया। अंगरेज के चचेरे भाई और चाचा की मौत हो गई, जबकि अंगरेज और उसके दो चचेरे भाई गंभीर रूप से घायल हो गए। इस मामले को लेकर शादाब बानो ने सातों हत्यारोपियों को आईपीसी की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास व पांच-पांच हजार का अर्थदंड और धारा 307 के अंतर्गत सात साल की सजा सुनाई है।

अश्लील फोटो डिलीट नहीं करने पर सेना के जवान ने की थी हवलदार की पत्नी की हत्या, पुलिस ने खुलासे के साथ किया आरोपी को गिरफ्तार

Share this article
click me!

Latest Videos

एक थी महालक्ष्मी! फ्रिज से शुरू हुई कहानी पेड़ पर जाकर हुई खत्म, कागज के पर्चे में मिला 'कबूलनामा'
OMG! 53 दवाइयां क्वालिटी टेस्ट में फेल, एक तो है Paracetamol
दिल का दौरा पड़ते ही करें 6 काम, बच जाएगी पेशेंट की जान #Shorts
रोचक किस्साः गुजरात के भैंसों का कमाल, ब्राजील हो गया मालामाल
रोया और अपने ही घर में 27 घंटे टॉर्चर झेलता रहा इंजीनियर,खौफनाक रात में गवांए 35 लाख