
‘पत्नी-बेटा, बेटी-दामाद नाती-पोती में से कोई जिंदा नहीं बचा, मैं कैसे अपने 7 लोगों की चिता को आग लगाऊंगा’ यह दुख एक बदहास पिता के हैं। जिनका पूरा परिवार दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे स्थित सोना सैयद माजरा गांव के पास हुए एक्सीडेंट में खत्म हो गया। परिवार के सभी लोग एक रिश्तेदार के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए जा रहे थे। लेकिन बजरी से लदे डंपर ने उनकी कार को ऐसी टक्कर मारी की सातों लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
दरअसल, यह भीषण हादसा शुक्रवार को दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर सहारनपुर के पास हुआ। जिसमें यूपीका एक पूरा परिवार खत्म हो गया। सभी लोग एक कार में सवार होकर अपने एक रिश्तेदार के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए हरिद्वार जा रहे थे। लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनका भी अंतिम संस्कार हो जाएगा। इस हादसे से पूरे इलाके में मातम छाया हुआ है। हादसे में मरने वालों की पहचान संदीप अपनी मां रानी (55), बहन जूली(27), जीजा शेखर (28), भांजे अनिरूद्ध (2) के रुप में हुई है।
जैसे ही हादसे की खबर यूपी के माजरा गली गांव में पता चली तो मातम छा गया। जब एक साथ यह अर्थियां उठीं तो पूरा गांव जमा हो गया। अंतिम संस्कार में पहुंचा हर आदमी आंसू बहा रहा था। लेकिन सबसे बुरा हाल परिवार के मुखिया 55 साल के महेंद्र सैनी का है। उनको तो समझ ही नहीं आ रहा है कि आखिर यह क्या हो गया। क्योंकि उन्होंने इस हादसे में अपनी पत्नी रानी (50) और बेटे संदीप को खो दिया। उनकी बेटी जूली, दामाद शेखर और नाती अनिरुद्ध भी सवार थे वह भी नहीं बचे। बार यही कहते रहे...मैं अपने सातों जिगर के टुकड़ों को कैसे आग लगाउंगा। अच्छा होता अगर मैं भी साथ में चला जाता।
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