
महाकुम्भ नगर। दिल्ली में विधानसभा चुनाव का मतदान सफलतापूर्वक संपन्न हो गया है। अब हर किसी के मन में यही सवाल है कि इस बार सत्ता की बागडोर किसके हाथ में जाएगी? राजनीतिक विश्लेषकों के साथ-साथ ज्योतिषी भी अपने-अपने आकलन प्रस्तुत कर रहे हैं। ग्रह-नक्षत्रों के अध्ययन के आधार पर विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार अरविंद केजरीवाल की कुंडली में ग्रहों की स्थिति उनके पक्ष में ज्यादा मजबूत नहीं दिख रही है।
ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार, अरविंद केजरीवाल की कुंडली में कर्क राशि में मंगल और सूर्य-शनि का योग बना हुआ है, जो उनके लिए कठिनाइयां बढ़ा सकता है। दूसरी ओर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुंडली में वृश्चिक राशि का मंगल और गजकेसरी योग स्थित है, जो सत्ता में उनकी मजबूती को दर्शाता है। इसके अलावा, मोदी के अजातशत्रु योग के चलते उनके विरोधी कमजोर पड़ सकते हैं।
ग्रहों की चाल और नक्षत्रों की स्थिति इस ओर संकेत कर रही है कि दिल्ली की सत्ता अरविंद केजरीवाल के हाथों से दूर जा सकती है। नरेंद्र मोदी की कुंडली में वर्तमान ग्रह दशा उन्हें ज्यादा ताकतवर बना रही है, जिससे यह संभावना बढ़ जाती है कि दिल्ली में बीजेपी को बढ़त मिल सकती है।
यह भविष्यवाणी करने वाले आचार्य हरि कृष्ण शुक्ल वही ज्योतिषी हैं जिन्होंने महाकुंभ के दौरान हादसों और प्राकृतिक आपदाओं की सटीक भविष्यवाणी की थी। उन्होंने पहले ही बताया था कि इस महाकुंभ में शनि ग्रह का प्रभाव सभी ग्रहों पर भारी पड़ेगा, जिससे बड़े हादसे हो सकते हैं। उनकी भविष्यवाणी सच साबित हुई जब महाकुंभ में आग लगने की घटना और मौनी अमावस्या के दिन भगदड़ में कई लोगों की जान गई।
अब सवाल उठता है कि क्या इस ज्योतिषीय आकलन के अनुसार दिल्ली में सत्ता परिवर्तन होगा? क्या नरेंद्र मोदी का गजकेसरी योग और अजातशत्रु योग केजरीवाल पर भारी पड़ेगा? इसका जवाब जल्द ही चुनाव परिणामों में मिल जाएगा।
(नोट: यह लेख ज्योतिषीय गणना पर आधारित है, इसकी सत्यता चुनावी नतीजों से ही स्पष्ट होगी।)
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