
Vice President Dhankhar Resignation: बीते सोमवार देर शाम जब देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया, तो यह ख़बर हर किसी के लिए चौंकाने वाली थी। न सिर्फ आम लोग, बल्कि देश की राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मच गई। विपक्ष ने इस फैसले को सिर्फ स्वास्थ्य से जुड़ा मामला मानने से इनकार कर दिया और संकेतों में कहा कि इसके पीछे कोई और बड़ी राजनीतिक तैयारी चल रही है।
विपक्षी नेताओं ने उपराष्ट्रपति के इस्तीफे पर सवाल उठाते हुए आशंका जताई कि यह सिर्फ व्यक्तिगत स्वास्थ्य का मामला नहीं है। बल्कि इसके पीछे नई राजनीतिक नियुक्ति या समीकरणों को साधने की योजना हो सकती है। और इस पूरी बहस के बीच चर्चा का केंद्र बन गए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।
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इस चर्चा को हवा दी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और अमरोहा से पूर्व सांसद कुंवर दानिश अली ने। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर ट्वीट कर कहा कि,
"75 साल पूरे होने से पहले ही उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का अचानक इस्तीफा RSS की तरफ से नरेंद्र मोदी जी को एक बार फिर साफ़ इशारा है। सियासी गलियारों में चर्चा तेज़ है कि अब योगी आदित्यनाथ जी को उपराष्ट्रपति बनाए जाने की तैयारी चल रही है।"
इस ट्वीट के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं और तेज़ हो गई हैं कि क्या बीजेपी योगी आदित्यनाथ को केंद्र की राजनीति में लाने की तैयारी कर रही है?
सिर्फ दानिश अली ही नहीं, बल्कि सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने भी उपराष्ट्रपति के अचानक इस्तीफे को संदेह की दृष्टि से देखा। उन्होंने ANI से बातचीत में कहा कि,
"धनखड़ साहब पूरे दिन संसद में थे, आखिर ऐसा क्या हो गया कि एक घंटे में इस्तीफा देना पड़ा?"
उन्होंने उपराष्ट्रपति की लंबी उम्र की कामना करते हुए कहा कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि उन्होंने वास्तव में किन कारणों से यह फैसला लिया।
इस्तीफे से कुछ दिन पहले ही सीएम योगी आदित्यनाथ दिल्ली दौरे पर थे, जहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। अब इन बैठकों को उपराष्ट्रपति पद की संभावनाओं से जोड़कर देखा जा रहा है।
हालांकि अभी तक बीजेपी की ओर से इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर योगी आदित्यनाथ को उपराष्ट्रपति पद के लिए नामित किया जाता है, तो यह एक बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम होगा - जो उत्तर प्रदेश और केंद्र दोनों की राजनीति को प्रभावित कर सकता है।
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