
लखनऊ। उत्तर प्रदेश को डिजिटल टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के वैश्विक मानचित्र पर अग्रणी राज्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार लगातार ठोस कदम उठा रही है। इसी क्रम में सिफी टेक्नोलॉजीज के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर राजू वेगेसना ने मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उनके सरकारी आवास पर भेंट की। इस दौरान प्रदेश में AI आधारित डिजिटल परिवर्तन और लखनऊ व नोएडा में प्रस्तावित AI सिटीज़ के विकास को लेकर विस्तृत चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आने वाले समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शासन, उद्योग, स्वास्थ्य, शिक्षा और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने वाला है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार मजबूत डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित कर AI आधारित निवेश, स्टार्टअप्स और नवाचार को बढ़ावा दे रही है।
सिफी टेक्नोलॉजीज के चेयरमैन राजू वेगेसना ने मुख्यमंत्री को बताया कि पिछले पांच वर्षों में सिफी ने उत्तर प्रदेश में ₹12,000 करोड़ से अधिक का निवेश किया है। यह निवेश लखनऊ और नोएडा में अत्याधुनिक डेटा सेंटर्स की स्थापना के लिए किया गया है।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि अगले तीन वर्षों में इस निवेश को दोगुना करने की योजना है। लखनऊ में सिफी का AI एज डेटा सेंटर शीघ्र ही पूरी तरह तैयार हो जाएगा, जबकि इसके पास एक बड़े हाइपरस्केल AI कैंपस के विकास की भी योजना है।
राजू वेगेसना ने बताया कि नोएडा में सिफी उत्तर भारत के सबसे बड़े AI डेटा सेंटर कैंपस ‘नोएडा-02’ का संचालन कर रहा है। इसके साथ ही एक अतिरिक्त AI कैंपस विकसित किया जाएगा। इसके अलावा सिफी का पहला ग्रीन हाइपरस्केल डेटा सेंटर ‘नोएडा-01’ वर्तमान में 100 से अधिक एंटरप्राइज, सरकारी और हाइपरस्केल ग्राहकों को सेवाएं प्रदान कर रहा है।
बैठक में यह भी बताया गया कि लखनऊ और नोएडा के दोनों AI क्लस्टर्स को सिफी के राष्ट्रीय फाइबर नेटवर्क के माध्यम से जोड़ा जाएगा। इससे हाई-स्पीड और लो-लेटेंसी AI वर्कलोड्स को सुचारु रूप से संचालित किया जा सकेगा और उत्तर प्रदेश को एक मजबूत डिजिटल हब के रूप में स्थापित करने में मदद मिलेगी।
राजू वेगेसना ने मुख्यमंत्री को बताया कि सिफी के डेटा सेंटर बिजनेस में गूगल, मेटा और ओरेकल जैसी वैश्विक टेक कंपनियां रणनीतिक साझेदार हैं। इससे उत्तर प्रदेश की अंतरराष्ट्रीय तकनीकी पहचान और निवेश आकर्षण को नई मजबूती मिलेगी।
उत्तर प्रदेश सरकार AI के क्षेत्र में पहले से ही HCLTech के साथ मिलकर कार्य कर रही है। HCLSoftware के AI आधारित समाधान से जनसुनवाई (IGRS) प्रणाली में 60–70 प्रतिशत तक मैन्युअल कार्य कम हुआ है। शिकायतों के निस्तारण का समय घटकर लगभग 2 मिनट रह गया है, जो सुशासन का एक प्रभावी उदाहरण है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश तेजी से वैश्विक टेक्नोलॉजी कंपनियों का प्रमुख केंद्र बन रहा है। इसमें $14 बिलियन रेवेन्यू वाली HCLTech की भूमिका महत्वपूर्ण है। नोएडा और लखनऊ में विश्वस्तरीय कैंपस और नोएडा स्थित ग्लोबल मुख्यालय के साथ HCLTech उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े निवेशकों और निजी क्षेत्र के प्रमुख नियोक्ताओं में शामिल है।
HCLTech के उत्तर प्रदेश में 50,000 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनमें लगभग 75 प्रतिशत स्थानीय युवा शामिल हैं। लखनऊ कैंपस, जो वर्ष 2026 में अपने 10 वर्ष पूरे करेगा, वर्तमान में 130 से अधिक वैश्विक ग्राहकों को सेवाएं प्रदान कर रहा है। प्रस्तावित विस्तार के बाद यहां रोजगार क्षमता 18,000 से अधिक होने की संभावना है।
HCLFoundation की CSR पहलों से अब तक उत्तर प्रदेश में 42 लाख से अधिक लोग लाभान्वित हो चुके हैं। इनमें ‘समुदाय’ और ‘My Clean City’ जैसे कार्यक्रम शामिल हैं, जिन्हें आने वाले समय में अन्य जिलों में भी विस्तार देने का प्रस्ताव है।
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