Dimple Yadav Controversy: 1090 चौराहे पर फूटा सपा कार्यकर्ताओं का गुस्सा, मौलाना साजिद रशीदी के पोस्टर को लगाई आग!

Published : Jul 30, 2025, 11:46 AM ISTUpdated : Jul 30, 2025, 12:31 PM IST
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सार

SP Protest Lucknow: समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं ने सांसद डिंपल यादव पर मौलाना साजिद रशीदी के अभद्र बयान का विरोध करते हुए लखनऊ के 1090 चौराहे पर प्रदर्शन किया और पोस्टर जलाया। मौलाना के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है।

Dimple Yadav Controversy : सांसद डिंपल यादव पर मौलाना साजिद रशीदी द्वारा दिए गए अभद्र बयान के विरोध में समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। सोमवार को 1090 चौराहे पर सपा कार्यकर्ताओं ने मौलाना साजिद रशीदी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उनका पोस्टर जलाया और तीव्र विरोध जताया। 

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि महिला सांसदों के खिलाफ इस तरह की भाषा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सपा कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से मांग की है कि रशीदी पर सख्त कानूनी कार्रवाई हो, नहीं तो विरोध और तेज़ होगा।

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जानिए क्या है पूरा मामला? क्यों भड़का विवाद? 

पूरा मामला एक टीवी डिबेट से जुड़ा है, जिसमें मौलाना साजिद रशीदी ने समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव को लेकर बेहद आपत्तिजनक टिप्पणी की। उन्होंने डिंपल यादव की साड़ी पहनने की शैली और मस्जिद दौरे को लेकर अभद्र भाषा का प्रयोग किया, जो न सिर्फ असंसदीय था बल्कि महिलाओं के सम्मान पर सीधा हमला भी माना गया। इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में बवाल मच गया। बीजेपी और एनडीए सांसदों ने संसद में प्रदर्शन किया, वहीं सपा कार्यकर्ता भी सड़कों पर उतर आए। लखनऊ में मौलाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है।

 

छात्र सभा ने संभाला मोर्चा, नेतृत्व में दिखा आक्रोश

इस विरोध प्रदर्शन की अगुवाई समाजवादी छात्र सभा के प्रदेश अध्यक्ष धीरज श्रीवास्तव ने की। उन्होंने सख्त लहजे में कहा,

"साजिद रशीदी बीजेपी के टुकड़ों पर पलने वाला मौलाना है, जिसे समाजवादी आंदोलन की ताकत का अंदाज़ा नहीं है। अगर उसने अपनी भाषा पर काबू नहीं रखा, तो समाजवादी कार्यकर्ता उसे सड़कों से लेकर अदालत तक घेर लेंगे।"

मौलाना की यह टिप्पणी केवल सपा कार्यकर्ताओं ही नहीं, बल्कि आम जनता के बीच भी आक्रोश का कारण बनी है। सोशल मीडिया पर इस बयान की तीखी आलोचना हो रही है। कई लोगों ने सवाल उठाया है कि क्या अब महिलाओं के सम्मान को राजनीति में सस्ती लोकप्रियता का जरिया बना दिया गया है? राजनीति अब वैचारिक बहस से हटकर व्यक्तिगत हमलों की ओर मुड़ती दिख रही है।

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