दिशा पाटनी केस: पहले दिन चलीं 3 गोलियां, परिवार को भनक तक नहीं लगी; पढ़िए पूरी अंदर की कहानी

Published : Sep 20, 2025, 01:31 PM IST
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सार

Bareilly Police Encounter: दिशा पाटनी के घर फायरिंग केस में बरेली पुलिस ने बड़ा खुलासा किया। गोल्डी बरार-रोहित गोदारा गिरोह से जुड़े चार बदमाश गिरफ्तार, गैंग लीडर रविंद्र मुठभेड़ में ढेर। नाबालिग शूटरों की गिरफ्तारी से सामने आई 5 लाख की डील।

बॉलीवुड अभिनेत्री दिशा पाटनी के घर पर हुई फायरिंग मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। गोल्डी बरार और रोहित गोदारा गिरोह से जुड़े चार बदमाश पुलिस के शिकंजे में आ गए हैं। वहीं इस गैंग का सरगना रविंद्र पुलिस की गोली से ढेर हो चुका है।

किच्छा नदी पुल पर घेराबंदी में दबोचे दो शूटर

पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम ने शुक्रवार को शाही थाना क्षेत्र के दुनका-बिहारीपुर रोड स्थित किच्छा नदी पुल पर घेराबंदी कर दो बदमाशों को पकड़ लिया। इनमें राजस्थान निवासी रामनिवास और हरियाणा निवासी अनिल शामिल हैं। मुठभेड़ के दौरान रामनिवास के पैर में गोली लगी। दोनों नेपाल भागने की फिराक में थे, जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। रामनिवास पर 25 हजार रुपये का इनाम भी था।

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दिल्ली से गिरफ्तार दो नाबालिग आरोपी

उधर, दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार सुबह ही बागपत के रहने वाले दो नाबालिगों को गिरफ्तार किया। दोनों को सोशल मीडिया के जरिए गिरोह में शामिल किया गया था। आरोप है कि गैंग के सदस्य अरुण ने उन्हें अभिनेत्री के घर पर गोली चलाने का टास्क दिया था। इसके लिए 4 से 5 लाख रुपये में सौदा तय हुआ था।

पहले दिन चली थीं चुपचाप गोलियां

दिल्ली पुलिस की जांच में सामने आया कि दोनों नाबालिगों ने 11 सितंबर की सुबह दिशा पाटनी के घर पर पहली बार 2-3 गोलियां चलाईं, लेकिन परिवार को भनक तक नहीं लगी। इसके बाद दूसरे दिन गैंग लीडर रविंद्र और उसके साथी ने 10-15 राउंड फायरिंग की। इन घटनाओं को लेकर बरेली पुलिस ने एक ही एफआईआर दर्ज की है।

गैंग लीडर रविंद्र की मौत, रामनिवास की गलती से बची जान

गैंग का लीडर रविंद्र पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि पहली रेकी के लिए रामनिवास को भेजा गया था, लेकिन उसने सही मकान चिन्हित नहीं किया। उसकी इस गलती पर रविंद्र भड़क गया और उसे गिरोह से हटाने का आदेश दे दिया। यही चूक रामनिवास की जान बचा गई।

फुटेज से हुई पहचान, पुलिस का शिकंजा और मजबूत

सोनीपत से मिली सीसीटीवी फुटेज और होटल आईडी के जरिए पुलिस ने पांचवें आरोपी रामनिवास की पहचान की। जांच में सामने आया कि बदमाशों ने 10 सितंबर को बरेली में एंट्री की थी। उसी दौरान वह झुमका चौराहे पर रुककर सो गया और बाद में साथी शूटरों से अलग हो गया।

नाबालिग आरोपियों पर इनाम, बरेली पुलिस लेगी बी वारंट

बागपत के दोनों नाबालिग शूटरों पर एडीजी जोन रमित शर्मा ने एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा है। बरेली पुलिस ने दिल्ली पुलिस से संपर्क कर दोनों का बी वारंट लेने की तैयारी शुरू कर दी है। कस्टडी रिमांड में लेकर पुलिस उनसे और खुलासे करने की कोशिश करेगी।

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