यूपी में करीब 39 साल पहले हुए पुलिसवाले की हत्या के आरोपियों को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। आरोपियों पर 10 -10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
जौनपुर. उत्तर प्रदेश के जौनपुर में 1985 में हुए एक पुलिसवाले के मर्डर केस में स्थानीय कोर्ट द्वारा 9 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इन आरोपियों पर 10-10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। आरोपियों ने पुुलिसवाले की हत्या तब की थी, जब वे एक जमीनी विवाद को सुलझाने पहुंचे थे।
1985 में हुआ था मर्डर
जानकारी के अनुसार 18 दिसंबर 1985 को सुरेरी पुलिस स्टेशन के एसएचओ बब्बन सिंह एक जमीनी विवाद को सुलझाने के लिए सिरोही पुरवा गए थे। तभी आक्रोशित ग्रामीणों ने उन पर हमला कर दिया था। इस मामले में अब जिला एवं सत्र न्यायालय जौनपुर यूपी ने आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। बताया जा रहा है कि जब एसएचओ गांव में पहुंचे तो उन पर जयप्रकाश, मानिकचंद्र,श्रीराम, ओमप्रकाश, उत्तम, मोहन सहित अन्य लोगों ने घेरकर हमला बोल दिया था।
आरोपी को छुड़ाने की कोशिश में हत्याकांड
इस मामले में आरोपी बलिराम को छुड़ाने की कोशिश कर रहे थे। इस दौरान जयप्रकाश ने कट्टे से दरोगा अमरनाथ पर फायर कर दिया था। लेकिन बब्बन सिंह के झुकने की वजह से गोली सुखनंदन को लग गई और उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी। इसके बाद आरोपियों ने बब्बन सिंह पर ईंट से हमला कर दिया था, जिससे उनकी भी मौत हो गई थी। तभी बलिराम ने थाना प्रभारी अमरनाथ की पिस्टल, मैग्जीन और गोली भी लूट ली थी। मौके पर खून, लाठी और ईंट पत्थर भी मिले थे। इस केस में करीब 60 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। वहीं पुलिसवालों के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ था।
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60 लोगों के खिलाफ दर्ज हुई थी प्राथमिकी
सरकारी वकील सतीश चंद्र पांडे के अनुसार जिला जज वाणी रंजन अग्रवाल ने 9 आरोपियों के खिलाफ फैसला सुनाया है। इस मामले में 60 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। जिसमें सुनवाई के दौरान 9 आरोपियों की मौत हो गई थी। वहीं 8 आरोपियों को बरी कर दिया गया था। 26 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया था। लेकिन सबूत के आभाव में उन्हें बरी कर दिया गया था।
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