एक स्लोगन खूब चलता है-'संडे हो या मंडे, रोज खाएं अंडे' लेकिन जरूरत अंडों को देखकर खाने की है। क्योंकि उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में अंडे के भीतर से प्लास्टिक की जर्दी मिलने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है।
गाजियाबाद. अंडे सेहत के लिए अच्छे होते हैं। इसलिए एक स्लोगन खूब चलता है-'संडे हो या मंडे, रोज खाएं अंडे' लेकिन जरूरत अंडों को देखकर खाने की है। क्योंकि उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में अंडे के भीतर से प्लास्टिक की जर्दी मिलने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है।
भारत में फेक अंडों का बिजनेस, Egg Food Poisoning
अंडे के अंदर प्लास्टिक का टुकड़ा निकलने के मामले का खुलासा गाजियाबाद के एक बुजुर्ग ने किया है। इस मामले ने अंडा खाने वालों को परेशानी में डाल दिया है। गाजियाबाद में प्लास्टिक और केमिकल के जरिये निकली अंडे बनाने की खबरें पहले से ही चर्चा में आती रही हैं। हालांकि इसे लेकर अभी फूड डिपार्टमेंट ने कोई बयान नहीं दिया है। लेकिन नया ताजा मामला सोशल मीडिया के जरिये वायरल होने पर प्रशासन ने जांच करान की बात कही है। एसडीएम संतोष कुमार राय ने कहा कि मामले की जांच कराई जा रही है।
नकली अंडे सेहत के लिए नुकसानदेह
गाजियाबाद के पतला निवासी अशोक ने बताया कि वे अपने पालतू कुत्ते को अंडे खिलाते हैं। 6 जून को वे मोदीनगर के सौंदा रोड स्थित थोक अंडा विक्रेता से अंडे लेकर आए थे। जब उनके कुत्ते ने अंडा नहीं खाया, तो उन्हें टेंशन हुई। उन्होंने कुत्ते को पशु चिकित्सक को दिखाया। जांच में पता चला कि अंडे में प्लास्टिक होने से कुत्ते ने उसे नहीं खाया। अशोक ने इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया। इसके बाद प्रशासनिक स्तर पर इसकी जांच शुरू हुई।
असली और नकली अंडे की कैसे करें पहचान
बता दें कि अगर अंडा नकली है, तो वो प्लास्टिक की तरह जलेगा। यानी तेजी से सिकुड़ जाएगा, जबकि असली अंडा एक निश्चित समय पर ही जलता है। निकली अंडा सेंकने पर उसमें से प्लास्टिक के जलने जैसी गंध आती है। एक्सपर्ट मानते हैं कि असली अंडे पर मक्खियां भिनभिनाने लगती हैं, जबकि नकली अंडे पर नहीं। नकली अंडा असली के मुकाबले कड़क होता है। यानी फोड़ने के लिए अपेक्षाकृत अधिक ताकत लगानी पड़ती है। जबकि असली अंडे सॉफ्ट नेचर के होते हैं।
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