
What is Fatehpur Tomb Dispute : उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में सोमवार की सुबह एक ऐतिहासिक मकबरे को लेकर ऐसा विवाद भड़का कि माहौल अचानक गर्म हो गया। आबूनगर के रेडइया इलाके में मौजूद ‘नवाब अब्दुल समद’ मकबरे को लेकर दो समुदायों के बीच टकराव हुआ, जिसमें तोड़फोड़, पथराव और नारेबाजी जैसी घटनाएं सामने आईं। अब प्रशासन ने पूरे क्षेत्र को सुरक्षा घेरे में ले लिया है और हालात पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
हिंदू संगठनों का कहना है कि यह मकबरा दरअसल ठाकुर जी का मंदिर था। उनका दावा है कि ढांचे के अंदर त्रिशूल और कमल के प्रतीक मौजूद हैं, जो मंदिर की पहचान माने जाते हैं और किसी मकबरे में नहीं पाए जाते। कुछ दिन पहले इन संगठनों ने प्रशासन को ज्ञापन देकर 11 अगस्त को यहां पूजा करने का ऐलान किया था। प्रशासन ने एहतियातन मकबरे को बांस-बल्ली से घेर दिया था, लेकिन सोमवार सुबह हजारों लोग बेरिकेड तोड़कर अंदर पहुंच गए।
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भीड़ ने मकबरे के अंदर और बाहर तोड़फोड़ की। इस पर नाराज मुस्लिम पक्ष ने पथराव कर दिया, जिससे हालात और बिगड़ गए। पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ी। इस दौरान सोशल मीडिया पर एक कथित वीडियो भी सामने आया, जिसमें लोगों को मकबरे के अंदर नारेबाजी करते और भगवा झंडा फहराते देखा जा सकता है।
घटना के बाद पुलिस ने 10 नामजद और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। आरोपियों में एक स्थानीय पार्षद, एक जिला पंचायत सदस्य और हिंदूवादी संगठनों से जुड़े लोग शामिल बताए जा रहे हैं। फिलहाल किसी गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन पुलिस की टीमें सक्रिय हैं।
मकबरे के मुतवल्ली मोहम्मद नफीस का कहना है कि यह इमारत करीब 500 साल पुरानी है और इसे बादशाह अकबर के पोते ने बनवाया था। इसमें अबू मोहम्मद और अबू समद की कब्रें हैं। राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल ने भी प्रशासन से अपील की है कि ऐतिहासिक स्वरूप से छेड़छाड़ न की जाए और धरोहर को सुरक्षित रखा जाए।
घटना पर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने विपक्षी दलों से अपील की कि वे इस मुद्दे पर राजनीति न करें और शांति बनाए रखें। वहीं, बीएसपी प्रमुख मायावती ने सरकार से कड़ा रुख अपनाने और साम्प्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की मांग की है। फिलहाल इलाके में भारी पुलिस और पीएसी की तैनाती है। मकबरे और आस-पास की गलियों में बैरिकेडिंग की गई है। प्रशासन का कहना है कि स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है, लेकिन नजर लगातार बनी रहेगी। आने वाले दिनों में यह देखना होगा कि यह विवाद थमता है या फिर नए मोड़ पर पहुंचता है।
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