
Amroha News: घर में शादी का माहौल था। बैंड बाजा और बारात के साथ दुल्हन अपनी दुल्हन को साथ ले जाने के लिए पहुंच चुका था। दुल्हन मंडप में बैठ कर अपनी दुल्हन का इंतजार कर रही थी। तभी अचानक वहां कुछ लोग आए और उसकी दुल्हन को नाबालिग बताते हुए शादी रुकवाने लगे। ये देख कर पिता के पैरों तले जमीन खिसक गई। वह लोगों के सामने हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाते रहे लेकिन उनलोगों ने बुजुर्ग पिता की एक न सुनी।
आरोप है कि जिला प्रोबेशन अधिकारी और उनके कर्मचारियों ने दुल्हन को नाबालिग बताकर शादी रुकवा दी और 50 हजार रुपए की मांग की। ड़की को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किए बिना ही वन स्टॉप सेंटर भेज दिया गया। अब कोर्ट ने इस मामले में जिला प्रोबेशन अधिकारी और उनके सात कर्मचारियों के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। यह जांच डीएम करेंगे और 5 मई तक कोर्ट को रिपोर्ट सौंपनी होगी।
ये पूरा मामला हसनपुर के एक गांव का है। यहां एक गांव के किसान की शादी में पहुंचे कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों ने उसे नाबालिग बताकर शादी रुकवा दी। जब किसान ने आधार कार्ड दिखाकर लड़की को बालिग बताया, तो उन्होंने 50 हजार रुपये रिश्वत मांगी। रिश्वत न मिलने पर लड़की को शादी मंडप से उठा ले गए और बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के वन स्टॉप सेंटर भेज दिया। बाद में युवती परिजनों के साथ लौट आई।
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इस मामले में पीड़िता ने पुलिस में शिकायत की लेकिन इसे लेकर अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। न्याय की उम्मीद में उसने अदालत का दरवाजा खटखटाया। अदालत ने जिलाधिकारी को पूरे प्रकरण की जांच कर 5 मई तक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।
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