
Ghaziabad Religious Conversion: बीते दिनों यूपी के गाजियाबाद में ऑनलाइन गेमिंग के जरिए धर्मांतरण का मामला सामने आने के बाद नया खुलासा हुआ है। इस केस में एक नाबालिग का धर्मांतरण कराया गया था। जिसके पैरेंट्स की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरु की तो एक व्हाट्सएप चैट सामने आया। जिससे कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पुलिस ने एक मौलवी अब्दुल रहमान को अरेस्ट भी किया है।
क्या है मामला?
ऑनलाइन गेमिंग ऐप के जरिए धर्मांतरण के केस का खुलासा तब हुआ। जब गाजियाबाद का एक बच्चा घर वालों से छिपकर मस्जिद में नमाज पढ़ने लगा। पैरेंट्स ने मौलवी पर बच्चे के जबरन धर्म परिवर्तन का आरोप लगाया। यह भी कहा कि उनका बच्चा आनलाइन गेम के जरिए ही मुंबई निवासी बद्दो के सम्पर्क में आया। उसके बाद बेटे का झुकाव इस्लाम की तरफ हो गया और उन्हीं के बहकावे में आकर बच्चे ने इस्लाम धर्म अपना लिया। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जब बच्चे के माता—पिता ने उसे मस्जिद में नमाज पढ़ते देखा तो समझाया। उस पर बच्चे ने कहा कि यदि मुझे घर से निकालोगे तो मस्जिद में रह लूंगा। बेटे की यह बात सुनकर परिजनों के पैरों तले की जमीन खिसक गई और उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
दो स्टेप में चलता था धर्मांतरण का खेल
वॉट्सएप चैट की पड़ताल में पता लगा है कि अब्दुल रहमान का ही नाम नन्नी है, जिस नाम से बच्चे ने मौलाना का नाम सेव किया था। चैट में मौलाना नाबालिग बच्चों को नमाज के समय से लेकर वह बहाने भी बताता था। जिससे बच्चे नमाज पढ़ सकें। आनलाइन गेमिंग ऐप के जरिए धर्म परिवर्तन का यह पूरा खेल मौलाना दो चरणों में खेलता था।
पहले गेम खेलने के लिए उकसाते थे
पहले स्टेप में शॉर्ट हैंडलर हिंदू नामों से आईडी बनाकर हिंदू बच्चों को 'Fortnite' गेम खेलने के लिए उकसाते थे। जब बच्चा गेम हार जाता था तो उसे कुरान की आयतें पढ़वाकर जीता दिया जाता था। इससे बच्चों का विश्वास बढ़ता था।
फिर जाल में फंसाकर, कबूल कराते थे इस्लाम
दूसरे स्टेप में 'Discord' ऐप के जरिए बच्चों से चैट करके उन्हें इस्लाम के बारे में बताया जाता था। जाकिर नाईक और तारिक जमील के वीडियो दिखाकर बहकाया जाता था। जब बच्चा उनके जाल में फंसने के लिए तैयार हो जाता था तो उससे एक एफिडेविट बनवाया जाता था। जिसमें यह दर्ज होता था कि किशोर अपनी मर्जी से इस्लाम धर्म कबूल कर रहा है।
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