यूपी के गाजियाबाद में 20 वर्षीय युवक ने साढ़े 4 साल की बच्ची से हैवानियत के बाद उसकी बेरहमी से हत्या कर दी थी। जिसके बाद बीते शनिवार को कोर्ट ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई है। आरोपी ने 1 दिसंबर 2022 को घटना को अंजाम दिया था।
गाजियाबाद: यूपी के गाजियाबाद के साहिबाबाद में साढ़े 4 साल की बच्ची को किडनैप कर उसके साथ दरिंदगी के बाद हत्या करने के आरोपी 20 वर्षीय सोनू गुप्ता को पॉक्सो कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने आरोपी पर 20 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है। बता दें कि घर से फूल तोड़ने निकली बच्ची को आरोपी सोनू 1 दिसंबर 2022 को उठा ले गया था। वहीं कोर्ट द्वारा पीड़ित परिवार को न्याय मिलने के बाद बच्ची की मां कोर्ट में फूट-फूटकर रोने लगी। बच्ची की मां ने रोते हुए कहा कि बिटिया हम तुम्हारी रक्षा नहीं कर पाए, इसलिए हमें माफ कर देना। तुम्हारे गुनहगार को अब फांसी की सजा मिल गई। भगवान तुम्हें अपनी गोद में खुश रखे।
बच्ची की मां ने हाथ जोड़ किया धन्यवाद
बच्ची के परिजनों ने बताया कि वह भगवान से प्रार्थना कर रहे थे और भगवान ने उनकी सुन ली। उनकी बेटी को इंसाफ मिल गया। बच्ची की मां ने जज की ओर हाथ जोड़ते हुए धन्यवाद देते हुए कहा कि अब दरिंदे को फांसी देने में देरी न की जाए। बता दें कि आरोपी को सजा सुनाए जाने के दौरान मृतक बच्ची के माता-पिता, दादी और दोनों बहनें मौजूद थीं। बच्ची के पिता ने कहा कि उन्होंने पुलिस से मामला लंबा न खींचे जाने की दरखास्त की थी। क्योंकि बेटी की मौत के बाद वह लोग बुरी तरह से टूट गए थे। हर तारीख पर उन्हें अपनी बेटी की बहुत याद आती थी। वहीं आरोपी ने कोर्ट से कहा कि उसे अपने किए पर पछतावा है। इसलिए उसकी सजा कम की जाए।
आरोपी ने कोर्ट में दी ये दलील
आरोपी ने कोर्ट के सामने दलील दी कि वह गरीब है और उसकी पैरवी करने वाला भी कोई नहीं है। वारदात के बाद से वह जेल में बंद है। साथ ही उसका कोई पहले का आपराधिक रिकॉर्ड भी नहीं रहा है। वहीं इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉ. नितिन प्रियदर्शी को आरोपी ने मेडिकल जांच के दौरान बताया था कि उसे हैवानियत करने में मजा आया था। कोर्ट में डॉ. नितिन ने बयान दर्ज कराए गए। बता दें कि तीन डॉक्टरों के पैनल ने बच्ची का पोस्टमार्टम किया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया था कि आरोपी ने इस कदर बच्ची के साथ हैवानिय की थी कि मासूम के कई अंग फट गए थे। मासूम बच्ची के मस्तिष्क, फेफड़े, गर्दन की हड्डी, गुर्दा, तिल्ली और अकड़न संकुचित हो गई थीं।
नारी समाज और मानवता पर गंभीर संकट
विशेष लोक अभियोजक संजीव बखरवा ने कहा कि मासूम बच्ची अविकसित कली के समान थी। उसके जीवन के कुछ वर्ष शुरू ही हुए थे। आरोपी ने बच्ची के विकसित होने से पहले ही उसे कुचल दिया। इसके अलावा आरोपी ने बच्ची के असहाय होकर रोने पर उसका लाभ उठाया। आरोपी सोनू ने डायपर जैसी गंदी चीज बच्ची के मुंह में ठूंस कर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी। संजीव बखरवा ने कहा कि अभियुक्त का अपराध बेहद घृणित प्रकृति मानवता को शर्मसार करने वाला है। उन्होंने कहा कि ऐसे भेड़ियों के जिंदा रहने से नारी समाज और मानवता पर गंभीर संकट उत्पन्न हो जाएगा।
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