
Gorakhpur mafia violence : गोरखपुर की खामोशी को चीरते हुए एक बार फिर अपराध के साए ने सिर उठाया है। सरिया व्यापारी की बिटिया की बर्थडे पार्टी में माफिया सुधीर सिंह और विरोधी गुट में हुई मारपीट ने पुलिस प्रशासन को हिला कर रख दिया है। दो गुटों की रंजिश अब खुलेआम हिंसा में बदल चुकी है और अब पुलिस लगातार दबिशें दे रही है।
यूपी के 68 कुख्यात माफियाओं की सूची में नाम दर्ज कराने वाला सुधीर सिंह गोरखपुर पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ है। खजनी और गीडा थाना क्षेत्र की पुलिस एसओजी के साथ मिलकर लगातार छापेमारी कर रही है। सुधीर सिंह पर 40 से ज्यादा केस दर्ज हैं और उसे 2024 में आर्म्स एक्ट में दो साल की सजा भी हो चुकी है।
28 मई को सरिया व्यापारी किशन जायसवाल ने अपनी बेटी के जन्मदिन की खुशी में भोज का आयोजन किया था। इसी पार्टी में सुधीर सिंह और उसके विरोधी अंकुर शाही आमने-सामने आ गए। पार्टी एक पल में रणक्षेत्र में तब्दील हो गई। मारपीट में कई लोग घायल हुए और आरोप है कि सुधीर सिंह ने खुद अंकुर शाही पर हमला कर दिया।
हमले के बाद अंकुर शाही ने सुधीर सिंह और हिमाचल सिंह पर केस दर्ज कराया, वहीं सुधीर सिंह के चाचा शैलेश सिंह ने भी जवाबी तहरीर देकर अंकुर और सूरज शाही पर केस कराया। मामला अब दो गुटों की खुली दुश्मनी में बदल चुका है।
2023 में सुधीर सिंह ने एक पुराने लूट के केस में महाराजगंज कोर्ट में सरेंडर किया था। उससे पहले पुलिस को गच्चा देकर वह फरार हो चुका था और उसकी फॉर्च्यूनर गाड़ी बरामद हुई थी। यह कोई पहली बार नहीं जब सुधीर ने पुलिस को चकमा दिया हो।
सुधीर सिंह के खिलाफ गोरखपुर, लखनऊ, गाजीपुर, बस्ती और महाराजगंज में हत्या, लूट और गैंगस्टर एक्ट के तहत 40 से अधिक मामले दर्ज हैं। 2023 में उसकी ₹300 करोड़ की बेनामी संपत्तियां कुर्क की जा चुकी हैं। वह योगी सरकार की माफिया हिट लिस्ट में शामिल है।
पूर्व ब्लॉक प्रमुख और बसपा प्रत्याशी रह चुके सुधीर सिंह के जीवन की कहानी किसी गैंगस्टर फिल्म से कम नहीं। पिता सुरेंद्र सिंह की हत्या ने उसकी जिंदगी की दिशा बदल दी। बदला लेने की आग में वह अपराध की दुनिया में उतर गया, और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।
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