गोरखपुर–पानीपत एक्सप्रेसवे: पहले चरण को मंजूरी, 400 KM सड़क पर शुरू हुआ काम

Published : Dec 27, 2025, 01:30 PM IST

गोरखपुर–पानीपत ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे को पहले चरण की मंजूरी मिल गई है। एनएचएआई ने टेंडर और भूमि अधिग्रहण शुरू कर दिया है। 750 किमी लंबा यह एक्सप्रेसवे 22 जिलों से होकर गुजरेगा और यूपी का सबसे लंबा होगा।

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गोरखपुर–पानीपत एक्सप्रेसवे का अलाइनमेंट फाइनल

पूर्वी उत्तर प्रदेश की दूरी अब सिर्फ किलोमीटरों तक सीमित नहीं रहने वाली। हरियाणा से लेकर गोरखपुर तक एक ऐसी हाई-स्पीड सड़क बनने जा रही है, जो न सिर्फ सफर को आसान बनाएगी, बल्कि विकास की रफ्तार को भी नई दिशा देगी। एनएचएआई के प्रस्तावित गोरखपुर–पानीपत ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे को लेकर बड़ी राहत की खबर सामने आई है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के पहले चरण को हरी झंडी मिल चुकी है और काम की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।

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पहले चरण को मंजूरी, टेंडर और भूमि अधिग्रहण शुरू

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने इस एक्सप्रेसवे को दो चरणों में बनाने का फैसला किया है। पहले चरण में हरियाणा के पानीपत से उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर स्थित पुवायन तक करीब सवा 400 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई जाएगी। इस चरण के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और साथ ही जमीन अधिग्रहण का काम भी तेज कर दिया गया है।

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दूसरे चरण में पुवायन से गोरखपुर तक बनेगा एक्सप्रेसवे

परियोजना के दूसरे चरण में पुवायन से लेकर गोरखपुर तक सड़क का निर्माण किया जाएगा। इस हिस्से के लिए एक्सप्रेसवे का अलाइनमेंट पहले ही पूरा हो चुका है। अधिकारियों के मुताबिक, जल्द ही इसके लिए भी टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी। जमीन अधिग्रहण का कार्य इस चरण में भी प्रारंभ कर दिया गया है।

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अलाइनमेंट की खबर से गांवों में बढ़े जमीन के दाम

यह एक्सप्रेसवे एक हजार से अधिक गांवों से होकर गुजरेगा। अलाइनमेंट सामने आते ही इन गांवों में जमीनों के भाव तेजी से बढ़ने लगे हैं। स्थानीय लोग इसे क्षेत्रीय विकास और रोजगार के नए अवसरों के रूप में देख रहे हैं।

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उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा

अधिकारियों के अनुसार गोरखपुर–पानीपत एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा। इसकी कुल लंबाई करीब 750 किलोमीटर होगी। अभी तक यह रिकॉर्ड मेरठ से प्रयागराज तक बन रहे 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसवे के नाम था।

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4 से 6 लेन, भविष्य में 8 लेन तक होगा विस्तार

यह एक्सप्रेसवे फिलहाल 4 से 6 लेन का बनाया जाएगा, लेकिन भविष्य में जरूरत के अनुसार इसे 8 लेन तक विस्तारित किया जा सकेगा। यह पूरी तरह ग्रीनफील्ड और एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे होगा, जिससे तेज, सुरक्षित और निर्बाध यात्रा संभव होगी। एनएचएआई ने इस प्रोजेक्ट को चार साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा है।

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22 जिलों से होकर गुजरेगा गोरखपुर–पानीपत एक्सप्रेसवे

यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के 22 जिलों को सीधे जोड़ने वाला है। पहले इसे पश्चिमी यूपी के शामली तक सीमित रखने की योजना थी, लेकिन बाद में इसे हरियाणा के पानीपत तक बढ़ा दिया गया। एनएचएआई के अलाइनमेंट के मुताबिक यह एक्सप्रेसवे पानीपत से शुरू होकर मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बिजनौर, मेरठ, अमरोहा, संभल, बरेली, रामपुर, बदायूं होते हुए शाहजहांपुर पहुंचेगा। पहला चरण पुवायन में समाप्त होगा। इसके बाद दूसरा चरण हरदोई, सीतापुर, लखनऊ, बहराइच, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, संत कबीरनगर होते हुए गोरखपुर तक जाएगा।

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भारतमाला परियोजना का अहम हिस्सा

गोरखपुर–पानीपत एक्सप्रेसवे भारतमाला प्रोजेक्ट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस परियोजना के तहत जम्मू से हरियाणा के पानीपत तक 6 लेन हाईवे लगभग तैयार हो चुका है। इसके आगे शामली के रास्ते गोरखपुर तक सड़क बनाई जाएगी और गोरखपुर से यही कॉरिडोर आगे चलकर कोलकाता और सिलीगुड़ी तक पहुंचेगा। फिलहाल चिन्हित जमीन पर सीमेंटेड खूंटियां लगाने का काम तेजी से चल रहा है।

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विकास, व्यापार और कनेक्टिविटी को मिलेगा नया आयाम

इस एक्सप्रेसवे के बनने से पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ-साथ हरियाणा के बीच आवागमन आसान होगा। उद्योग, व्यापार, कृषि और निवेश को नई गति मिलने की उम्मीद है। गोरखपुर–पानीपत एक्सप्रेसवे को उत्तर भारत के विकास का नया ग्रोथ कॉरिडोर माना जा रहा है।

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