
Greater Noida Toilet Blast: ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 36 में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है, जहाँ वेस्टर्न टॉयलेट सीट फटने से 20 वर्षीय युवक आशु करीब 35 प्रतिशत झुलस गया। यह हादसा शनिवार दोपहर लगभग 3 बजे हुआ, जब आशु अपने घर के बाथरूम में गया था और जैसे ही उसने फ्लश बटन दबाया, वहां अचानक जोरदार धमाका हुआ और आग लग गई।
शनिवार दोपहर करीब 3 बजे, ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 36 में एक सामान्य-सी दिखने वाली टॉयलेट सीट ने ऐसा रूप लिया जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। 20 वर्षीय युवक आशु के साथ जो हुआ, उसने पूरे मोहल्ले को दहशत में डाल दिया।
आशु बाथरूम में गया और जैसे ही उसने वेस्टर्न टॉयलेट का फ्लश बटन दबाया, उसी पल तेज धमाका हुआ और आग की लपटें निकलने लगीं। परिवार वालों के मुताबिक, विस्फोट इतना ज़ोरदार था कि बाथरूम की दीवारें तक हिल गईं और कुछ चीजें टूट गईं।
धमाके के बाद आशु बुरी तरह झुलस गया। उसे तत्काल GIMS (गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि वह 35 प्रतिशत जल चुका है। चेहरे, हाथ और छाती पर सबसे ज़्यादा चोटें आई हैं। फ़िलहाल वह ICU में इलाजरत है।
परिवार ने स्पष्ट किया कि हादसे के समय आशु के पास कोई मोबाइल, वायरलेस डिवाइस या गैजेट नहीं था। उन्होंने कहा कि घर की सभी इलेक्ट्रॉनिक चीजें जैसे AC, स्विचबोर्ड, वॉटर हीटर आदि भी सामान्य रूप से काम कर रहे थे।
परिवार और स्थानीय लोगों का मानना है कि इस हादसे के पीछे मीथेन गैस का जमाव कारण हो सकता है। क्षेत्र के निवासी हरिंदर भाटी ने बताया कि सेक्टर 36 की पुरानी और जाम सीवरेज लाइनें कई घरों में बदबू और गैस रिसाव का कारण बनती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, जब टॉयलेट में मीथेन गैस जमा हो जाती है, तो हल्की सी चिंगारी भी विस्फोट का कारण बन सकती है।
हादसे के बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की टीम मौके पर पहुंची और सीवेज व्यवस्था की जांच की। अधिकारियों ने बताया कि क्षेत्रीय सीवेज सिस्टम में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं मिली है। अब शक घर के इंटरनल ड्रेनेज सिस्टम पर जा रहा है।
यह घटना सिर्फ एक तकनीकी खराबी नहीं, बल्कि सुरक्षा और स्वच्छता को लेकर बड़ा सवाल बन गई है। लोग हैरान हैं कि एक घर के बाथरूम में गैस जमा हो सकती है, और ऐसी भीषण घटना घट सकती है।
घटना के बाद पूरे मोहल्ले में अफरा-तफरी का माहौल है। कई लोगों ने अपने घर के बाथरूम और सीवरेज चेंबर की खुद से जांच शुरू कर दी है, कुछ ने प्राइवेट प्लंबर भी बुला लिए हैं।
स्थानीय लोग सीवरेज सिस्टम की पुर्नजांच, मीथेन रिसाव की रोकथाम और बाथरूमों में गैस डिटेक्टर लगाने की मांग कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि भविष्य में किसी और के साथ ऐसा हादसा न हो।
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