
प्रयागराज: उमेश पाल हत्याकांड में फरार चल रहे 5 लाख के इनामी गुड्डू मुस्लिम ने 13 साल की उम्र में ही घर छोड़ दिया था। वह बचपन से ही अपराध करने लगा था। इस बीच जब घरवालें उनकी इस गतिविधियों में बाधा बने और उन्होंने टोकना शुरू किया तो उसने घर छोड़ दिया। इसके बाद वह कभी भी अपने घर वापस नहीं आया। यहां तक वह माता-पिता की मौत के बाद भी उनके जनाजे को कंधा देने के लिए नहीं आया।
परिवार के लोगों से सालों तक नहीं किया संपर्क
गुड्डू मुस्लिम का जन्म 1975 में हुआ था। उसके अलावा भी दो भाई और थे जिनमें से एक की मौत हो चुकी है। वहीं दूसरा भाई असलम है जो सऊदी अरब में रहता है। गुड्डू मुस्लिम की बहन का नाम परवीन और नसरीन है। गुड्डू मुस्लिम को जानने वाले लोग बताते हैं कि वह बचपन से ही बिगड़ैल था और उसकी संगत ठीक नहीं थी। जब उसे रोका या टोका जाता था तो विवाद होता था। अक्सर आस-पास होने वाली मारपीट, लड़ाई-झगड़े में उसका नाम आता रहता था। लोग बताते हैं कि घर छोड़ने के बाद गुड्डू मुस्लिम ने वापस परिवार के लोगों से संपर्क नहीं किया। उमेश पाल की हत्या के बाद पुलिस की टीम गुड्डू के परिजनों के पास भी पूछताछ करते हुए पहुंची। लेकिन परिजन ने साफ कह दिया कि वह वर्षों से किसी के संपर्क में नहीं है। इसके बाद पुलिस की टीम वहां से वापस चली गई।
अतीक ने ही करवाई थी गुड्डू की जमानत
गुड्डू मुस्लिम 1999 तक गोरखपुर नारकोटिक्स मामले में भी जेल गया था। इस मामले में उसे सजा भी सुनाई गई थी। हालांकि अतीक के द्वारा उसकी जमानत हाईकोर्ट से करवा ली गई थी। अतीक के संपर्क में आने को लेकर कई कहानिया हैं। बताया जाता है कि गुड्डू मुस्लिम कई सालों से पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ है। उमेश पाल हत्याकांड के बाद 65 दिनों से पुलिस उसकी तलाश में नासिक और ओडिशा तक में दबिश दे चुकी है। कई ठिकानों पर की गई छापेमारी के बाद भी पुलिस खाली हाथ है। गुड्डू को आखिरी बार उमेश पाल की हत्या के बाद 5 मार्च को अतीक के बहनोई अखलाक के घर पर देखा गया था। पड़ताल में लगी पुलिस की टीम का यह भी कहना है कि वह अपनी पहचान छिपाकर रह रहा है।
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