Gyanvapi Mosque: वाराणसी कोर्ट का आदेश, सार्वजनिक होगा ASI सर्वे रिपोर्ट, दोनों पक्ष को मिलेगी हार्ड कॉपी

ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) मामले में वाराणसी जिला कोर्ट ने आदेश दिया है कि ASI सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए। दोनों पक्षों को इसकी हार्ड कॉपी दी जाए।

Vivek Kumar | Published : Jan 24, 2024 11:46 AM IST / Updated: Jan 24 2024, 05:17 PM IST

वाराणसी। ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) मामले में सुनवाई के दौरान वाराणसी जिला कोर्ट ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि ASI (Archaeological Survey of India) की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए। दोनों पक्षों को रिपोर्ट की हार्ड कॉपी दी जाए।

कोर्ट में हिंदू पक्ष की ओर से पेश होने वाले वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, "आज, कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना। इस बात पर सहमति बनी कि ASI की रिपोर्ट की हार्ड कॉपी दोनों पक्षों को दी जाए। ASI ने email से रिपोर्ट देने पर आपत्ति जताई थी। इसके चलते दोनों पक्ष हार्ड कॉपी लेने पर सहमत हुए।"

विष्णु शंकर जैन ने कहा, "कोर्ट ने आज दोनों पक्षों को सुना। दोनों पक्षों को सुनने के बाद इस बात पर सहमति बनी कि ASI की सर्टिफाइड कॉपी दोनों पक्षों को दी जाए। जैसे ही कोर्ट आदेश पारित करेगी, हमारी कानूनी टीम सर्टिफाइड कॉपी के लिए आवेदन करेगी।"

'वजुखाना' की होगी सफाई

इससे पहले 16 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने हिंदू महिला याचिकाकर्ताओं के एक आवेदन को स्वीकार कर लिया था। इसमें ज्ञानवापी मस्जिद के 'वजुखाना' के पूरे क्षेत्र को साफ करने और स्वच्छता की स्थिति बनाए रखने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी। यहां जहां कथित 'शिवलिंग' पाया गया था। सीजेआई (Chief Justice of India) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पिछले आदेशों को ध्यान में रखते हुए, 'वजुखाना' को जिला प्रशासन वाराणसी की देखरेख में साफ किया जाएगा।

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ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति ने कहा कि वह पानी की टंकी की सफाई का समर्थन करती है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह करीब दो साल से सील है। 'वजुखाना' में 'शिवलिंग' मिलने के बाद 2022 में सुप्रीम कोर्ट के ने इसे सील करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे का आदेश दिया था। सर्वे के दौरान 16 मई 2022 को मस्जिद परिसर में एक संरचना पाई गई थी। इसे हिंदू पक्ष ने "शिवलिंग" और मुस्लिम पक्ष ने "फव्वारा" बताया था।

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