हाथरस में आयोजित सत्संग में 122 लोगों का जिम्मेदार आखिर कौन है। हादसे की आखिरकार क्या वजह थी इसके कारणों को लेकर फिलहाल कई सारे आकलन किए जा रहे हैं। फिलहाल आयोजन स्थल के एंट्री और एग्जिट गेट का रास्ता छोटा होने की भी बात की जा रही है।
हाथरस। उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में अब तक 122 लोगों की मौत होने की सूचना सामने आई है। हाथरस के सिंकदाराऊ से 5 किमी दूर एटा रोड पर आयोजन स्थल बनाया गया था। सत्संग के समापन के बाद जब लोग बाहर निकलने लगे इस दौरान ही भगदड़ मच गई। आयोजन स्थल पर भगदड़ के कई कारण बताए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि एंट्री और एग्जिट गेट का रास्ता काफी संकरा था जिस कारण पहले निकलने को लेकर भगदड़ मच गई। प्रशासन की भी लापरवाही की बात सामने आ रही है।
हाथरस सत्संग में 80 हजार से अधिक की भीड़
हाथरस सत्संग में 50 से 80 हजार तक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया गया था लेकिन इससे ज्यादा लोग आने की बात कही जा रही है। आयोजन स्थल पर इससे ज्यादा लोगों को मैनेज करने की व्यवस्थान नहीं दिख रही थी। भीड़ बढ़ने से लोग भीषण गर्मी से भी परेशान हो गए , लेकिन जल्दी निकलने के चक्कर में धक्कामुक्की करने लगे औऱ हादसा हो गया।
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आयोजन स्थल का प्रवेश और निकासी द्वार छोटा
हाथरस सत्संग हादसे के कई सारे कारण बताए जा रहे हैं। इसमें ये बात भी सामने आ रही है कि आयोजन स्थल का प्रवेश और निकासी के लिए जो द्वार बनाया गया था उसका रास्ता काफी संकरा था। इस कारण एक साथ भीड़ निकली तो लोग पहले बाहर निकलने के चक्कर में एक-दूसरे को ही धक्कामुक्की करते हुए बाहर निकलने लगे। इस दौरान भीड़ में कुछ लोग गिर गए और लोग उनके ऊपर से जाने लगे तो भगदड़ मच गई।
इतने बड़े आयोजन में सिर्फ 40 पुलिसकर्मी तैनात
सत्संग में जहां 70-80 हजार श्रद्धालुओं की भीड़ मौजूद थी वहां पर पुलिस प्रशासन की ओर से पुलिसकर्मियों का भी व्यापक इंतजाम करना चाहिए था। जानकारी के मुताबकि आय़ोजन स्थल पर 40 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। भगद़ड़ मची तो वह भी इस बीड़ को मैनेज कर पाने में असमर्थ रहे।