उत्तर प्रदेश के हाथरस के लिए मंगलवार (2 जुलाई) का दिन अमंगल में तब्दील हो गया। आज हाथरस में एक ऐसा हादसा हुआ है, जिसका जख्म लंबे समय तक लोगों के सीने में जिंदा रहने वाला है।
हाथरस सत्संग में मौत की वजह। उत्तर प्रदेश के हाथरस के लिए मंगलवार अमंगल में तब्दील हो गया। यह जख्म लंबे समय तक लोगों के जहन में जिंदा रहेगा। बता दें कि हाथरस के रतिभानपुर में स्थित फुलरई गांव में हुए भोले बाबा उर्फ नारायण साकार के सत्संग में अचानक से भगदड़ मच गई है। इस वजह से करीब 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और करीब 150 के आस-पास लोग बुरी तरह से घायल हो गए हैं। मृतकों को जहां पर एटा के मेडिकल अस्पताल भेजा गया है, वहीं घायलों को शहर के अलग-अलग अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। हादसे से जुड़े चश्मदीदों ने आंखों देखा हाल बताया। उन्होंने भगदड़ मचने की वजह और कारण भी बताया।
रिपोर्ट के मुताबिक, सत्संग में करीब 50 हजार लोगों की भीड़ पहुंची थी। शकुंतला नाम की महिला ने आज तक चैनल को बताया, भोले बाबा के सत्संग के खत्म होते ही एक साथ पंडाल से लोग निकलने लगे और तभी भगदड़ मच गई। इस दौरान लोग पास में मौजूद नाले में एक के ऊपर एक गिरते चले गए। हालत और भी ज्यादा गंभीर हो गई, जब लोग नाले के अंदर ही घंटों तक दबे रहे। इसी वजह से ज्यादातर लोगों की मौत हुई। दूसरी वजह- पंडाल के अंदर भयानक उमस थी। सत्संग खत्म होते ही लोगों में बाहर निकलने की होड़ लग गई। तीसरी वजह जो लोग बता रहे हैं वो यह है कि जिस गेट से लोगों को निकाला जा रहा है वो बहुत ही सकरा-छोटा था।
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हाथरस का फुलरई गांव लाशों से पटा
हाथरस का फुलरई गांव हादसे के बाद लाशों से पट चुका है। एटा के अस्पताल में चावल के दानों की तरह लाश बिखरी हुई है। इस दौरान कई लोग अपने सगे-संबंधियों को तलाशते हुए अस्पताल पहुंच रहे हैं। घटनास्थल पर लोग अपने चाहने वालों की लाशें देखकर फूट-फूटकर रो रहे हैं।
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