
Bhole baba political connection: हाथरस में कथित बाबा भोलेनाथ उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ सूरजपाल सिंह के राजनैतिक कनेक्शन्स की खोजबीन पुलिस ने शुरू कर दी है। पुलिस ने भोलेनाथ बाबा और सत्संग के मुख्य आयोजनकर्ता देव प्रकाश मधुकर के राजनैतिक कनेक्शन और उनके फंड्स की पड़ताल करना शुरू कर दिया है। पुलिस का कहना है कि भगदड़ किसी राजनैतिक साजिश का भी हिस्सा हो सकता है। हाथरस में मंगलवार 2 जुलाई को सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में यूपी पुलिस ने अभी तक आधा दर्जन से अधिक सेवादारों को अरेस्ट किया है। हालांकि, अभी तक भोले बाबा के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुआ है।
भोले बाबा को कई राजनैतिक संगठनों से मिलता था फंड
हाथरस भगदड़ में हुई 121 मौतों की जांच कर रही पुलिस का दावा है कि भोले बाबा के संगठन को कई राजनैतिक दलों से फंड मिल रहा था। हाथरस के पुलिस अधीक्षक निपुण अग्रवाल ने बताया कि मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर हाल ही में कई राजनीतिक दलों के संपर्क में था। इससे घटना के इर्द-गिर्द संभावित राजनीतिक साजिशों की जांच शुरू हो गई है। मधुकर, स्वयंभू बाबा द्वारा आयोजित कार्यक्रमों के लिए धन जुटाने की गतिविधियों का प्रबंधन करता था। एसपी ने कहा कि मधुकर से जुड़े वित्तीय लेनदेन, मनी ट्रेल्स और कॉल रिकॉर्ड की फिलहाल जांच की जा रही है। पूछताछ के लिए मधुकर को पुलिस रिमांड पर भी लेगी।
80 हजार के लिए अनुमति लेकिन आए 2.5 लाख लोग से अधिक
हाथरस घटना की जांच कर रही पुलिस ने दावा किया कि प्रारंभिक जांच में यह पता चला कि सत्संग के लिए 80 हजार लोगों के लिए कार्यक्रम कराने की अनुमति मांगी गई थी लेकिन इस कार्यक्रम में 2.5 लाख लोगों से अधिक को प्रवेश दे दिया गया। सभा के बाद जब बाबा भोलेनाथ जा रहा था तो अनुयायियों में उनकी कार के टायरों से उड़ी धूल को इकट्ठा करने की होड़ मच गई। अधिकारियों के अनुसार, धर्मगुरु के निजी सुरक्षा गार्डों ने उनके अनुयायियों को धक्का देना शुरू कर दिया और कुछ लोग गिर गए और कुचल गए। स्थानीय लोगों के अनुसार, इस विशाल सभा में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केवल 40 पुलिसकर्मी ही ड्यूटी पर थे और भगदड़ मचने पर वे संभाल न सके।
सिकंदर राव थाने में दर्ज एफआईआर में बाबा का नाम नहीं
हाथरस में भगदड़ के बाद हुई 121 मौतों के सिलसिले में हाथरस के सिकंदर राव थाने में एफआईआर दर्ज किया गया है। इस एफआईआर में आयोजनकर्ता के रूप में मधुकर को मुख्य आरोपी बनाया गया है लेकिन बाबा भोलेनाथ उर्फ सूरज पाल सिंह का नाम नहीं है। पुलिस ने मधुकर को अरेस्ट करने का दावा किया है जबकि उसके वकील एपी सिंह ने दावा किया है कि मधुकर ने सरेंडर किया है। यूपी पुलिस ने मधुकर पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।
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