आगरा: घर में बनने वाली चाय और दूध को लेकर शिकायत लेकर थाने पहुंचे नवविवाहित जोड़े की बात सुनकर उत्तर प्रदेश के आगरा पुलिस वाले सोच में पड़ गए कि हँसे या रोएँ। मामला भले ही छोटा था लेकिन बातचीत होते-होते बड़ा हो गया। फिर तो एक के बाद एक कई आरोप लगने लगे। आखिरकार पुलिस ने दोनों को फैमिली काउंसलिंग के लिए भेजकर मामले को सुलझा दिया।
मामले में शामिल दंपति की शादी पिछले अप्रैल में हुई थी। शहर में जन्मे और पले-बढ़े युवक को चाय पीने का शौक है। प्राइवेट कंपनी में काम करने वाला यह शख्स दिन में कई बार चाय पीता था। वहीं, ग्रामीण परिवेश में पली-बढ़ी पत्नी को दूध पीना ज्यादा पसंद है। महिला का कहना है कि बहुत सारी गायों और भैंसों वाले घर में पली-बढ़ी होने के कारण उसे बचपन से ही दूध पीने की आदत है और उसके घर में कोई भी चाय नहीं पीता है। उसने बताया कि शादी के बाद वह अपने पति के लिए चाय बनाने लगी लेकिन उसने दूध पीना जारी रखा।
शुरुआत में तो यह कोई समस्या नहीं थी। लेकिन पति ने अपनी पत्नी पर अपनी पसंद की चाय थोपना शुरू कर दिया तो समस्याएँ शुरू हो गईं। इसी बात को लेकर दोनों में अक्सर झगड़ा होता रहता था। बताया जा रहा है कि खर्चा ज्यादा होने का हवाला देकर पति ने पत्नी को चाय पीने के लिए मजबूर किया। झगड़ा बढ़ने पर महिला अपने घर चली गई और वहीं रहने लगी। इसके बाद उसने पति और ससुराल वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने मामले को फैमिली काउंसलिंग सेंटर भेज दिया। काउंसलर डॉ. सतीश खिरवार ने बताया कि दोनों को बुलाकर बात करने पर पति ने पत्नी पर कई और आरोप लगाने शुरू कर दिए। युवक ने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी उसका सम्मान नहीं करती है और उसके माता-पिता के साथ बदतमीजी करती है। दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद पति को सलाह दी गई कि वह अब अपनी पत्नी को चाय पीने के लिए मजबूर न करे। काउंसलर ने बताया कि युवक ने इसे मान लिया और दोनों ने अपने मतभेदों को सुलझाकर साथ रहने का फैसला किया।