
लखनऊ। उत्तर प्रदेश को “उत्तम प्रदेश” बनाने की दिशा में योगी सरकार की सर्वसमावेशी नीतियाँ अब राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना प्रभाव दिखा रही हैं। इसका स्पष्ट प्रमाण अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला (IITF) में देखने को मिला, जहाँ उत्तर प्रदेश की महिलाओं की रिकॉर्ड भागीदारी रही। सरकार की योजनाओं—मिशन शक्ति, मुद्रा ऋण, कन्या सुमंगला, स्वयं सहायता समूह और ओडीओपी ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया है और उनके लिए वैश्विक मंच के द्वार खोले हैं। इसी कारण इस वर्ष आईआईटीएफ के ओडीओपी पवेलियन में 60% भागीदारी महिलाएँ रही, जिन्होंने अपनी पारंपरिक कलाओं और हस्तशिल्प से देश–विदेश के खरीदारों को आकर्षित किया।
महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए मिशन शक्ति को बड़े स्तर पर लागू किया गया है। इसके तहत 15.35 लाख महिलाओं को विभिन्न योजनाओं से जोड़कर स्वरोजगार मिला है। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना में 2022-23 के दौरान 1.14 करोड़ से अधिक खातों की स्वीकृति हुई, जिनमें 80% लाभार्थी महिलाएँ थीं।
कन्या सुमंगला योजना के माध्यम से 15 लाख से अधिक बालिकाओं को शिक्षा और स्वास्थ्य सहायता दी गई, जिससे वे विकास की मुख्यधारा में आईं। इन प्रयासों का असर महिलाओं की श्रम भागीदारी दर पर भी पड़ा है, जो 2017 के 10.6% से बढ़कर 2023 में 17.5% से अधिक हो गई है। योगी सरकार की योजनाओं ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही सामाजिक सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता प्रदान की है।
ओडीओपी (One District One Product) योजना महिलाओं के आर्थिक परिवर्तन की सबसे बड़ी शक्ति बनी है। इस योजना से हजारों कारीगर, बुनकर और महिला उद्यमी सशक्त हुए हैं। चिकनकारी, जरी-जरदोजी, पीतल उद्योग, बनारसी सिल्क, टेराकोटा, लकड़ी के खिलौने जैसी पारंपरिक कलाओं में काम कर रहीं महिलाओं को बड़ा लाभ मिला है। अब तक 60,000 से अधिक महिला कारीगरों को मुफ्त प्रशिक्षण और आधुनिक टूलकिट दिए जा चुके हैं, जिससे उनकी उत्पादन क्षमता और गुणवत्ता दोनों में अत्यधिक सुधार हुआ है।
ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों- अमेज़न, फ्लिपकार्ट सहित अन्य पर हजारों महिला MSME उद्यमियों को जोड़ा गया है, जिससे उन्हें अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुँच मिली और उनकी आय बढ़ी। IITF में ओडीओपी पवेलियन में 60% महिलाओं की मौजूदगी ने साबित किया कि उत्तर प्रदेश की पारंपरिक कला विश्व बाजार में तेजी से पहचान बना रही है।
योगी सरकार ने स्वयं सहायता समूहों (SHG) के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भरता की नई राह दी है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 2022-23 में 4.5 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों को 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण दिया गया। आईआईटीएफ में इसका सीधा असर दिखा, जहाँ महिला उद्यमियों ने बड़े पैमाने पर अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया और वैश्विक खरीदारों का ध्यान खींचा।
झांसी की वंदना और शिवानी शर्मा जैसे उदाहरण बताते हैं कि योगी सरकार की नीतियों ने घर-आधारित काम को संगठित उद्योग में बदलने में मदद की। ओडीओपी के प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता से इनकी खिलौना कला को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय बाजार मिले, जिससे उनकी आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। यह दिखाता है कि सरकार की नीतियों ने पारंपरिक कलाओं को नया जीवन और महिलाओं को नई उड़ान दी है।
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