उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले का मिरगपुर गाँव, जिसे देश का सबसे पवित्र गाँव कहा जाता है, अपनी अनूठी विशेषताओं के लिए जाना जाता है। 10,000 की आबादी वाला यह गाँव शराब, नॉनवेज और यहाँ तक कि लहसुन-प्याज के सेवन से भी पूरी तरह से मुक्त है।
Kaha hai Desh Ka Sabse Pavitra Gao: हमारे देश में कईं ऐसे गांव हैं, जिनके नाम अलग-अलग कारणों से कईं रिकार्ड दर्ज है। ऐसा ही एक गांव है मिरगपुर, जिसे देश का सबसे पवित्र गांव कहा जाता है। ये गांव उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में है। इसे देश का सबसे पवित्र गांव कहने के पीछे एक नहीं कईं कारण है, जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे। इस गांव का नाम एशिया बुक ऑफ रिकार्डस में भी दर्ज है। आगे जानिए इस गांव से जुड़ी खास बातें…
कोई नहीं करता नशा-न खाते नॉनवेज
सहारनपुर का मिरगपुर गांव बहुत खास है। यहां की आबादी लगभग 10 हजार है। इतनी बड़ी जनसंख्या होने के बाद भी यहां न तो कोई शराब पीता है और न ही कोई नॉनवेज खाता है। यहां तक कि गांव में कोई भी लहसुन-प्याज खाता है। गांव में कई दुकान हैं यहां नशे का कोई भी सामान नहीं बिकता, यहां तक कि यहां के लोग न तो बीड़ी-सिगरेट बेचते हैं और न ही खरीदते हैं।
एशिया बुक ऑफ रिकार्डस में दर्ज है नाम
मिरगपुर गांव में लहसुन-प्याज, बीड़ी-सिगरेट, तंबाकू, शराब-नॉनवेज सहित 26 चीजों के खाने-पीने पर प्रतिबंध है। अपनी इसी विशेषता के चलते इस गांव का नाम पहले इंडिया बुक ऑफ रिकार्डस में दर्ज हुआ और हाल ही एशिया बुक ऑफ रिकार्डस में भी इसका नाम दर्ज हो चुका है। जिला प्रशासन ने मिरगपुर का नाम नशामुक्त गांव के रूप में घोषित किया हुआ है।
कैसे हुआ ये चमत्कार?
वर्तमान समय में जहां युवाओं में नशे की लत बढ़ती जा रही है, वहीं 10 हजार आबादी वाले इस गांव का नशामुक्त होना वाकई एक चमत्कार है। यहां के निवासी बताते हैं कि 17वीं शताब्दी में यहां राजस्थान के पुष्कर से एक सिद्ध पुरुष बाबा फकीरदास आए थे। यहां उन्होंने तपस्या की और लोगों से ये वचन लिया कि वे कभी मांस-मदिरा का सेवन नहीं करेंगे। तभी ये परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है।
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