
उत्तर प्रदेश के औद्योगिक परिदृश्य को नई दिशा देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को इन्वेस्ट यूपी के पुनर्गठन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इस फैसले के साथ ही राज्य में निवेश को और अधिक निवेशक-केंद्रित, पारदर्शी और तकनीक-सक्षम बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। राज्य सरकार अब मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद और नई दिल्ली में सैटेलाइट इन्वेस्टमेंट प्रमोशन ऑफिस स्थापित करेगी, जो घरेलू और विदेशी निवेशकों से सीधे संवाद और निवेश प्रोत्साहन का सेतु बनेंगे।
नए ढांचे के तहत इन्वेस्ट यूपी में विशेषज्ञ सेल बनाए जाएंगे, जो टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, केमिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और सर्विस सेक्टर जैसे क्षेत्रों में विशेष रूप से कार्य करेंगे। इसके साथ ही 11 महाप्रबंधक/सहायक महाप्रबंधक के पद स्वीकृत किए गए हैं और दो संयुक्त मुख्य कार्यपालक अधिकारी (PCS संवर्ग) को तैनात किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्देश्य इन्वेस्ट यूपी को “एकल निवेश सुविधा एजेंसी (Single Investment Facilitation Agency)” बनाना है, जो न केवल निवेश आकर्षित करे बल्कि परियोजनाओं के ज़मीनी क्रियान्वयन और निगरानी में सक्रिय भूमिका निभाए।
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बैठक में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, 2024-25 में 4,000 नई फैक्ट्रियाँ स्थापित हुई हैं, जिससे कुल संख्या 27,000 इकाइयों तक पहुँच गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “Reform, Perform, Transform” नीति के अनुरूप यूपी का औद्योगिक माहौल बदल चुका है। उन्होंने कहा कि “निवेश अब नीतिगत प्रतिबद्धता नहीं, बल्कि ग्राउंड लेवल पर डिलीवरी का उदाहरण बन चुका है।”
बैठक में मुख्यमंत्री ने ‘निवेश मित्र पोर्टल 3.0’ को लागू करने के निर्देश दिए। नई प्रणाली में सिंगल साइन-ऑन, एआई-आधारित चैटबॉट, डायनेमिक आवेदन प्रणाली, और थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन जैसी सुविधाएँ जोड़ी जाएंगी, जिससे आवेदन और स्वीकृति प्रक्रिया 50% तेजी से पूरी होगी।
अब तक 814 कंपनियों को अकाउंट मैनेजर आवंटित किए जा चुके हैं, 50 नए एमओयू हस्ताक्षरित हुए हैं और 280 से अधिक कंपनियाँ संवाद प्रक्रिया में हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेशकों को भूमि, सब्सिडी और मानव संसाधन जैसी सुविधाएँ निर्धारित समय सीमा में दी जानी चाहिए।
‘फोकस कंट्री डेस्क’ के माध्यम से जापान, कोरिया, जर्मनी, फ्रांस, रूस, सिंगापुर और खाड़ी देशों के निवेशकों के साथ सक्रिय संवाद जारी है। ‘चाइना+1 रणनीति’ के तहत 219 बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ इस समय यूपी में निवेश की प्रक्रिया में सक्रिय हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि “उत्तर प्रदेश अब एशिया के सबसे पसंदीदा निवेश स्थलों में शामिल हो रहा है।”
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की जाएगी। सेफ इंडस्ट्री मॉडल के तहत सीसीटीवी कवरेज, सुरक्षा गश्त और डिजिटल मॉनिटरिंग लागू होगी, ताकि निवेशक निश्चिंत होकर कार्य कर सकें। इसके साथ ही औद्योगिक भूमि अधिग्रहण में उचित मुआवजा देने और सर्किल रेट की असमानता को खत्म करने के निर्देश भी दिए गए।
सीएम योगी ने कहा कि यूपी में निवेश केवल आर्थिक गतिविधि नहीं बल्कि “जनभागीदारी और विकास का अभियान” है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मंडलायुक्त और जिलाधिकारी नियमित रूप से उद्यमियों से संवाद करें और सभी लंबित औद्योगिक परियोजनाओं को प्राथमिकता से पूरा करें। बैठक में औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’, नगर विकास मंत्री अरविंद शर्मा, एमएसएमई मंत्री राकेश सचान, और राज्य मंत्री जसवंत सिंह सैनी समेत शीर्ष अधिकारी मौजूद रहे।
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