महाकुंभ 2025 में जंगम जोगियों की अनोखी परंपराएं और वेशभूषा आकर्षण का केंद्र बन रही हैं। शिव भक्ति में लीन ये जोगी भिक्षा लेकर अपनी परंपराओं को जीवित रखते हैं।
Asianetnews Hindi Exclusive: प्रयागराज महाकुंभ से सूर्य प्रकाश त्रिपाठी की रिपोर्ट
महाकुंभ 2025 की शुरुआत में महज कुछ ही दिन बचे हुए हैं। इस बीच काफी संख्या में साधु संतों के महाकुंभ नगरी में पहुंचने का सिलसिला जारी है। इस आयोजन में हर पंथ और संप्रदाय के साधु-संत अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। महाकुंभ 2025 का एक विशेष आकर्षण जंगम जोगी भी हैं। इनकी अनोखी परंपराएं और अनूठी वेशभूषा लोगों के बीच में कौतूहल का विषय बनी हुई हैं। शिव भक्ति में लीन ये जोगी देशभर के साधुओं से भिक्षा लेकर अपनी परंपराओं को जीवित रखते हैं। आपको बता दें कि जंगम जोगी शैव परंपरा से जुड़े होते हैं। वहीं इनकी उत्पत्ति शिवजी की जांघ से मानी जाती है। इनके सिर पर दशनामी पगड़ी, गेरुआ लुंगी-कुर्ता और तांबे के गुलदान में मोर पंखों का गुच्छा इनकी वेशभूषा का हिस्सा होता है। इनके हाथ में एक अनोखा घंटीनुमा यंत्र होता है, जिसे 'टल्ली' कहा जाता है।