
UP Jaunpur Name Change: उत्तर प्रदेश की राजनीतिक सरगर्मी अब नाम बदलने की बहस में फिर से तेज हो गई है। अब बारी जौनपुर की है, वो ज़िला जो पवित्र नदियों, पौराणिक कथाओं और ऐतिहासिक घटनाओं से भरा पड़ा है। यहां की धरोहरें सिर्फ पत्थरों में नहीं, बल्कि जनमानस की भावनाओं में भी बसी हैं। ऐसे में जौनपुर का नाम बदलने की मांग एक बार फिर चर्चा में आ गई है।
भारतीय जनता पार्टी के नेता शम्सी आज़ाद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर जौनपुर जिले का नाम बदलने की मांग की है। उन्होंने अपने पत्र में ऐतिहासिक तथ्यों और धार्मिक मान्यताओं का हवाला देते हुए जिले को ‘महर्षि जमदग्नि’ या ‘माता रेणुका’ के नाम से पुनर्नामित करने का सुझाव दिया है। अपने पत्र में शम्सी आज़ाद ने लिखा है कि जौनपुर का ऐतिहासिक नाम ‘पवनपुर’ था। लेकिन फिरोज शाह तुगलक के चचेरे भाई जौना खां (जो बाद में मोहम्मद बिन तुगलक कहलाए) के नाम पर इसका नाम जौनपुर रख दिया गया।
बीजेपी नेता ने बताया कि जौनपुर का पौराणिक रिश्ता महर्षि दधीचि से भी है। यहां मौजूद ‘दधीचि कुंड’ आज भी लोगों की आस्था का केंद्र है, जहां श्रद्धालु स्नान कर पुण्य अर्जित करते हैं। वहीं जिले के जमैथा गांव को भगवान परशुराम की कर्मभूमि माना जाता है। यहीं पर उनके पिता महर्षि जमदग्नि का आश्रम था। एक समय में जौनपुर को 'जमदग्निपुरम्' भी कहा जाता था।
आजाद ने सीएम को भेजे गए पत्र में अनुरोध किया कि जौनपुर का नाम महर्षि दधीचि, महर्षि जमदग्नि, भगवान परशुराम या माता रेणुका में से किसी के नाम पर रखा जाए। उनका तर्क है कि इससे जिले की ऐतिहासिक और धार्मिक पहचान को उचित सम्मान मिलेगा। जौनपुर का नाम बदलने की यह मांग न केवल राजनीतिक चर्चाओं को जन्म दे रही है, बल्कि स्थानीय जनता में भी उत्सुकता का विषय बनी हुई है। कुछ इसे सांस्कृतिक विरासत का सम्मान मान रहे हैं तो कुछ इसे राजनीति से प्रेरित कदम बता रहे हैं।
यह भी पढ़ें: अब सिर्फ 2.5 घंटे में आगरा से बरेली, 20 फ्लाईओवर, 26 अंडरपास और 5 बड़े पुल
उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।