
शादी के कार्ड अक्सर तारीख, जगह और मेहमानों की सूची तक सीमित होते हैं, लेकिन जौनपुर के एक गांव से निकला वलीमा कार्ड इन दिनों सामाजिक सौहार्द और पहचान की बहस का केंद्र बन गया है। केराकत क्षेत्र के डेहरी गांव निवासी और विशाल भारत संस्थान के जिला चेयरमैन नौशाद अहमद ‘दुबे’ के भतीजे के निकाह पर जारी बहुभोज का यह अनोखा निमंत्रण पत्र सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोग इसे हिंदू–मुस्लिम एकता की मिसाल के तौर पर देख रहे हैं।
वायरल हो रहे वलीमा कार्ड के लिफाफे पर वर्ष 1669 ई. के जमींदार लालबहादुर दुबे का उल्लेख है। कार्ड में बताया गया है कि उन्हीं की आठवीं पीढ़ी के वंशज खालिद ‘दुबे’ के निकाह एवं बहुभोज के शुभ अवसर पर मेहमानों को आमंत्रित किया गया है। इस ऐतिहासिक वंश परंपरा का जिक्र लोगों के लिए आकर्षण का विषय बना हुआ है। सोशल मीडिया पर कई लोग नौशाद अहमद ‘दुबे’ की सराहना कर रहे हैं कि उन्होंने अपने पारंपरिक सरनेम को आज भी संजोकर रखा है, जो मौजूदा दौर में कम देखने को मिलता है।
यह भी पढ़ें: कफ सिरप माफिया की दहशत: क्या करोड़ों की कोठियों का आकलन करने से भी डर गए एक्सपर्ट?
नौशाद अहमद ‘दुबे’ ने बताया कि रविवार को उनके भतीजे खालिद का निकाह संपन्न हो रहा है, जिसके उपलक्ष्य में बहुभोज का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री समेत संघ परिवार को भी विशाल भारत संस्थान के माध्यम से निमंत्रण भेजा गया है। उनका कहना है कि वे चाहते हैं कि इस आयोजन के जरिए भाईचारे और आपसी सम्मान का संदेश ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे।
वलीमा कार्ड को लेकर एक और चर्चा सामने आई है। बताया जा रहा है कि बहुभोज के लिए दो अलग-अलग तरह के लिफाफे छपवाए गए हैं। एक लिफाफे पर आठवीं पीढ़ी के वंशज होने का उल्लेख है, जबकि दूसरे पर सिर्फ “बहुभोज (दावते वलीमा)” लिखा गया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि हिंदू और मुस्लिम समाज के लिए अलग-अलग कार्ड तैयार किए गए हैं, जिसने इस पूरे मामले को और अधिक चर्चित बना दिया है।
यह पहला मौका नहीं है जब नौशाद अहमद ‘दुबे’ का नाम सुर्खियों में आया हो। करीब एक साल पहले 10 दिसंबर को उनके परिवार में हुई शादी के दौरान कार्ड पर ‘नौशाद अहमद दुबे’ नाम छपवाने को लेकर सियासी और सामाजिक बहस छिड़ गई थी। उस समय मुस्लिम समुदाय में नाराजगी देखने को मिली थी, जबकि हिंदू समाज ने इसे खुले दिल से स्वीकार किया था। अब एक बार फिर वलीमा कार्ड ने डेहरी गांव को चर्चा के केंद्र में ला दिया है और सामाजिक सौहार्द, पहचान और परंपरा को लेकर नई बहस को जन्म दे दिया है।
यह भी पढ़ें: अफवाह ने छीनी इंसानियत! जौनपुर में साधुओं की पिटाई, वीडियो बनाती रही भीड़
उत्तर प्रदेश में हो रही राजनीतिक हलचल, प्रशासनिक फैसले, धार्मिक स्थल अपडेट्स, अपराध और रोजगार समाचार सबसे पहले पाएं। वाराणसी, लखनऊ, नोएडा से लेकर गांव-कस्बों की हर रिपोर्ट के लिए UP News in Hindi सेक्शन देखें — भरोसेमंद और तेज़ अपडेट्स सिर्फ Asianet News Hindi पर।