
नोएडा के जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर माहौल उत्साह से भरा हुआ था। विशाल मंच तैयार था, टेंट तने थे, साउंड सिस्टम की जांच चल रही थी और सुरक्षा व्यवस्था भी लगभग दुरुस्त कर दी गई थी। ऐसा लग रहा था कि बस अब किसी भी क्षण देश का एक और वर्ल्ड-क्लास एयरपोर्ट औपचारिक रूप से शुरू हो जाएगा। लेकिन इसी बीच अचानक सब कुछ थम गया। उद्घाटन से ठीक पहले वह कड़ी टूट गई जिस पर पूरा आयोजन टिका हुआ था- एयरड्रोम लाइसेंस।
जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के उद्घाटन के लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी थीं, लेकिन डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) की अंतिम मंजूरी अभी तक लंबित है। बिना एयरड्रोम लाइसेंस के किसी भी एयरपोर्ट पर उड़ान संचालन की अनुमति नहीं दी जाती।
जैसे ही लाइसेंस में देरी की जानकारी मिली, प्राधिकरण ने पूरे उद्घाटन कार्यक्रम को स्थगित कर दिया। इवेंट कंपनी ने तुरंत मंच, टेंट, कुर्सियां और सजावटी सामग्री हटाने का काम शुरू कर दिया। ट्रकों में सामान लादकर साइट खाली कराई जा रही है।
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अधिकारियों के अनुसार DGCA सुरक्षा और तकनीकी जांच से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं की औपचारिकताएं पूरी कर रहा है। ये प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद ही लाइसेंस मिलेगा।
इसके साथ ही 16 दिसंबर से शुरू हो रहे खरमास के दौरान बड़े शुभ कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाते। इसलिए माना जा रहा है कि एयरपोर्ट का उद्घाटन अब जनवरी 2026 के मध्य तक टल सकता है।
उद्घाटन टलने से स्थानीय लोगों और यूपी के वेस्टर्न रीजन में जरूर निराशा है। कई लोग रोजगार, निवेश और बेहतर कनेक्टिविटी के अवसरों को लेकर उत्साहित थे। हालांकि उम्मीद अभी भी कायम है कि उद्घाटन भले देर से हो, लेकिन जब होगा तो यह देश के बेहतरीन एयरपोर्ट्स में शामिल होगा।
एयरपोर्ट के पहले फेज में 1,334 हेक्टेयर क्षेत्र में रनवे, टैक्सीवे, टर्मिनल बिल्डिंग और पार्किंग एरिया का निर्माण पूरा हो चुका है। बैगेज हैंडलिंग सिस्टम, बोर्डिंग प्रोसेस, सिक्योरिटी स्क्रीनिंग और पैसेंजर मैनेजमेंट से जुड़े सभी टेक्निकल टेस्ट सफल बताए जा रहे हैं। कुछ सुरक्षा और तकनीकी निरीक्षण की औपचारिकताएं ही बाकी हैं।
एयरड्रोम लाइसेंस वह आधिकारिक अनुमति है जिसके बिना किसी भी एयरपोर्ट पर उड़ानें शुरू नहीं की जा सकतीं। यह DGCA द्वारा तभी जारी किया जाता है जब एयरपोर्ट सुरक्षा, तकनीकी और संचालन संबंधी सभी मानकों पर खरा उतरता है। विस्तृत निरीक्षण और डॉक्यूमेंटेशन की प्रक्रियाएं पूरी होने पर ही लाइसेंस मिलता है।
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