पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने उठाए असद एनकाउंटर पर सवाल, घटनास्थल पर पहुंचकर कैमरे में तस्वीरों को कैद कर कही बड़ी बात

अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर शनिवार को झांसी में असद और गुलाम एनकाउंटर की हकीकत जानने के लिए घटनास्थल पर पहुंचे। यहां उन्होंने निरीक्षण करने के साथ सीन को रीक्रिएट किया और कहा कि एनकाउंट हत्या की ओर इशारा कर रहा है।

Contributor Asianet | Published : Apr 29, 2023 12:21 PM IST / Updated: Apr 29 2023, 06:08 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के जिले झांसी में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर शनिवार की दोपहर को असद और गुलाम एनकाउंटर की हकीकत जानने के लिए घटनास्थल पर पहुंचे। यहां पर उन्होंने तथ्य जुटाने के साथ निरीक्षण व सीन रीक्रिएशन को भी दोहराया। वह करीब आधे घंटे तक वहां मौजूद रहे और उन्होंने कई बिंदुओं पर जांच की। उस स्थान पर पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर खुद लेट गए। उन्होंने कहा कि एनकाउंटर संदिग्ध है जो हत्या की ओर इशारा कर रहा है। उससे फेक एनकाउंटर की ओर इशारा मिलता है। उनका कहना है कि असद को गोली लगने के बाद जिस जगह पर गिरना बताया गया है, वहां पर खूब पत्थर हैं और ऐसे में तो असद को चोट आनी चाहिए थे मगर उसके सर में कोई भी चोट नहीं थी।

माफिया के बेटे असद के एनकाउंटर पर उठे कई सवाल

एसटीएफ डिप्टी एसपी नावेंदु कुमार की दर्ज कराई एफआईआर और मौके की परिस्थितियों में काफी विरोधाभास है। इस मामले की बारीकी से जांच करने की जरूरत है। उनका कहना है कि वह जांच कर रहे न्यायिक सदस्यों से भी मुलाकात करके इन तथ्यों की ओर ध्यान दिलाएंगे। बता दें कि 13 अप्रैल को माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और शूटर गुलाम का एनकाउंटर हुआ था। झांसी में 13 अप्रैल को शार्प शूटर गुलाम और असद के साथ बड़ागांव थाना क्षेत्र के अंतर्गत पारीछा बांध के जंगलों में प्रयागराज एसटीएफ और पुलिस के साथ मुठभेड़ हो गई। मुठभेड़ के दौरान असद और गुलाम की मौत हो गई। जिसके बाद से एनकाउंटर पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

मानवाधिकार आयोग ने भी दर्ज की थी एफआईआर

इससे पहले दोनों के एनकाउंटर स्थल पर दो सदस्यीय जांच आयोग की टीम झांसी पहुंची। जिसमें पूर्व जज राजीव लोचन मल्होत्रा और रिटायर्ड डीजीपी वीके गुप्ता शामिल हैं। सदस्यों ने एनकाउंटर स्थल पर पहुंचकर फायरिंग रेंज समेत आने जाने वाले रास्ते और आसपास के लोगों से पूछताछ भी की थी। जांच के दौरान घटनास्थल पर टीम करीब एक घंटे तक रही। इस मामले में मानवाधिकार आयोग ने भी दिल्ली में एक एफआईआर दर्ज की थी। दूसरी ओर यूपी सरकार भी इस मामले की जांच के आदेश दे चुकी है। मामले की जांच के लिए गठित आयोग की टीम ने झांसी पहुंचकर साक्ष्य जुटाए। इस दौरान घटनास्थल पर एसएसपी राजेश एसपी सिटी ज्ञानेंद्र सिंह सहित अन्य पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहे।

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