
झांसी। यूपी के झांसी के महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज में लगी आग (Jhansi hospital fire) के चलते 10 बच्चे जिंदा जल गए। इस घटना को अपनी आंखों से देखने वाले भगवान दास ने बताया है कि नर्स ने माचिस जलाई थी। उसने लापरवाही की, जिससे इतना बड़ा हादसा हो गया।
हमीरपुर निवासी भगवान दास हादसे के समय वार्ड में थे। यहां उनके बेटे का इलाज चल रहा था। दास ने बताया कि एक नर्स ने ऑक्सीजन सिलेंडर की पाइप जोड़ने की कोशिश करते समय माचिस जलाई थी। वार्ड में ऑक्सीजन गैस अधिक भरा हुआ था, जिससे आग लग गई। आग बेहद तेजी से फैली। चंद पलों में पूरा वार्ड जलने लगा था।
भगवान दास ने कहा, "नर्स ने जैसे ही माचिस जलाई, पूरे वार्ड में आग लग गई। अफरा-तफरी मच गई थी। मैंने जल्दी से 3-4 बच्चों को अपने गले में बंधे कपड़े से लपेटा और उन्हें बचाकर बाहर ले आया। इसके बाद बच्चों को बचा रहे दूसरे लोगों की मदद की।"
हॉस्पिटल में शुक्रवार रात करीब 10 बजे आग लगी थी। रात 1 बजे आग पर पूरी तरह काबू पाया जा सका। अग्निशमन दल के कर्मियों ने आग बुझाया। इसके बाद आग लगने की वजह की जांच शुरू हो गई। जिला प्रशासन द्वारा पहले आग लगने के लिए शॉर्ट सर्किट को जिम्मेदार बताया गया। मामले की जांच की जा रही है। इस बीच प्रत्यक्षदर्शी भगवान दास के दावे के बाद मानवीय गलती का एंगल जुड़ गया है।
जांच में यह भी पता चला है कि अस्पताल प्रशासन ने लापरवाही बरती थी। आग बुझाने के लिए काम आने वाला यंत्र एक्सपायर था। उसमें 2019 में ही गैस भरा गया था जो 2020 में एक्सपायर हो गया। वार्ड में लगा फायर अलार्म भी आग लगने के बाद भी नहीं बजा। इसके चलते राहत कार्य शुरू करने में देर हुई।
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के पास स्वास्थ्य विभाग भी है। हादसे के बाद वह अस्पताल पहुंचे। उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि आग ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के अंदर शॉर्ट सर्किट के कारण लगी। आग लगने के कारणों की जांच की जाएगी। अगर कोई चूक पाई जाती है तो जो भी जिम्मेदार होगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने मृतक बच्चों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए मुआवजा देने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए की अतिरिक्त सहायता की घोषणा की है। घायलों को 50 हजार रुपए मिलेंगे।
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