हाय मेरा बच्चा जिंदा या मरा-एक बार चेहरा दिखा दो, झांसी की मां का दर्द हिला देगा

Published : Nov 16, 2024, 12:41 PM IST
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सार

झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने से कई नवजात शिशुओं की मौत हो गई। बेबस माता-पिता अपने बच्चों को याद कर बिलख रहे हैं। हादसे के बाद अस्पताल में चीख-पुकार मच गई।

झांसी (उत्तर प्रदेश). हाय रे मेरा बच्चा...एक बार तो उसका चेहरा दिखा दो...वो जिंदा है या मर गया...मैं उसे आंचल में लेना चाहती हूं। अभी उसे ठीक से गोद में लिया भी नहीं और हमें छोड़कर चला गया। यह दर्द उन बेबस मांओं का है, जिनके मासूम बच्चे झांसी के मेडिकल कॉलेज में लगी आग में मारे गए हैं।

बेबस पिता बच्चों को याद कर बिलख रहे...

जिन बच्चों के लिए माता-पिता ने ठीक होने के लिए झांसी के मेडिकल कॉलेज न्यू बोर्न केयर यूनिट (SNCU) भर्ती कराया था, अब वही उनका काल बन गई। इसमें से कई पिता तो ऐसे भी हैं, जिन्होंने अपने मासूम को गंभीर बीमारी होने के कारण अभी गोद में लिया भी नहीं था कि अब वह छोड़कर चला गया। बेबस परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

कांपते हाथों से मासूमों के शव उठा रहे थे डॉक्टर-नर्स

झांसी अस्पताल हादसे का मंजर इतना भयानक था कि जिन लोगों ने वार्ड की खिड़की तोड़कर जिंदा जले नवजातों को गोद में लेकर निकाला उनके आंसू नहीं थम रहे थे। मासूमों बॉडी इतनी बुरी तरह जल चुकी की थी उनकी तरफ देखने में भी कलेजा कांप रहा था। डॉक्टर से लेकर नर्स और परिजनों का बुरा हाल था। हालांकि किसी तरह लोगों ने 39 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। लेकिन 10 मासूमों को नहीं बचा सके।

इन मांओं का दर्द हिलाकर रख देगा…

ललितपुर के रहने वाले निरन रोते हुए बोले कि मेरा पोता भी इसी अस्पताल में भर्ती था। जिसे इमरजेंसी वार्ड में रखा गया था। उसे अभी ठीक से देखा भी नहीं था। जैसे ही आग की खबर सुनी तो हम वार्ड के अंदर गए, लेकिन वहां का दृश्य भयानक था, देखा तो पोते की मौत हो चुकी थी। वहीं संतरा देवी एक बच्ची को लेकर सड़क की तरफ दौड़ रही थीं। जब मीडिया वालों ने पूछा कि यह आपका बच्चा है तो बिलखेत हुए बोलीं, मेरा बच्चा नहीं मिल रहा है, लेकिन यह किसी की बेटी है...इसे लेकर में आई हूं, जिसे बचा लूंगी। ऐसे ही बेबस माता पिता है महोबा के रहने वाले कुलदीप और नीलू....महिला कि डिलेवरी 9 नवंबर को हुई थी, वह बेहद खुश थे, लेकिन अब एक दूसरे को गले लगाते हुए बिलख रहे हैं। वहीं उन्होंने इस हादसे के पीछे अस्पताल स्टॉफ पर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि मेरा बेटा नहीं मिल रहा है। अंदर किसी को नहीं जाने देते थे। पता नहीं वह कैसा होगा....

यह भी पढ़ें-झांसी हादसे की 8 वीभस्त तस्वीरें, मृत बच्चे को आंचल में डाल बिलखती रही मां

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