खबर उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले से है, जहां दो महीने बाद जिस पुलिस के सिपाही सचिन राठी की शादी होनी थी। लेकिन सोमवार शाम को हिस्ट्रीशीटर और पुलिस के बीच मुठभेड़ में उसकी गोली लगने से मौत हो गई। शादी की तैयारी कर रहा परिवार शोक में डूब गया है।
कन्नोज. उत्तर प्रदेश के कन्नौज में हिस्ट्रीशीटर और पुलिस के बीच मुठभेड़ हुई। इस गोलीबारी में एक पुलिस जवान की गोली लगने से मौत हो गई। मृतक कांस्टेबल की पहचान सिपाही सचिन राठी के रूप मे हुई है। दुखद बात यह है कि सचिन की दो महीन बाद शादी होनी थी। परिवार विवाह की तैयारियों में लगा था। लेकिन बेटे की मौत की खबर से खुशियों वाले खर मातम पसर गया।
हिस्ट्रीशीटर ने पुलिस पर की अंधाधुंध फायरिंग
दरअसल, यह मामला कन्नौज जिले के थाना बिशुनगढ क्षेत्र का है, जहां सोमवार शाम पुलिस टीम हिस्ट्रीशीटर अशोक यादव उर्फ मुन्ना यादव को पकड़ने गई थी। लेकिन जैसे ही आरोपी ने पुलिस टीम को देखा तो उसने फायरिंग करना शुरू कर दिया। हिस्ट्रीशीटर के साथ इस गोलीबारी में उसका बेटा भी साथ दे रहा था। इसी दौरान एक गोली सिपाही सचिन राठी को लग गई और वह वहीं गिर गया। पुलिसकर्मी उसे खून से सनी हालत में स्थानीय अस्पताल लेकर पहुंचे। लेकिन हालत गंभीर देखते हुए डॉक्टरों ने उसे कानपुर के हायर सेंटर रेफर कर दिया। लेकिन पहुंचते ही सचिन की मौत हो गई। वहीं एक घंटे तक चली मुठभेड़ के बाद पुलिस ने आरोपी बाप-बेटे को हिरासत में ले लिया है।
जो बेटा बनना था दूल्हा, अब उसकी निकली अर्थी
सिपाही सचिन की मौत की खबर जैसे ही परिवार के सदस्यों को पता चली तो उनके पैरों तले की जमीन ही खिसक गई। वह जिस बेटे की खुशी-खुशी शादी की तैयारी कर रहे थे, अब वो इस दुनिया में नहीं रहा। सचिन की 5 फरवरी में शादी होनी थी। लेकिन इस घटना ने परिवार को तोड़कर रख दिया है। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। सचिन राठी मूल रूप से उत्कर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के रहने वाले थे। वह साल 2019 में पुलिस बल में शामिल हुए थे। शहीद सिपाही कुल तीन बहन-भाई हैं, सचिन की एक छोटी बहन है जबकि एक बड़ा भाई है। वहीं पिता जी खेती-किसानी करते हैं।
मंगेतर शव के साथ जाने की करती रही जिद
बता दें कि जिस वक्त पुलिस जवान का शव अस्पताल में था तो उसकी होने वाली पत्नी यानि मंगेतर भी वहां पर पहुंच गई। वो सचिन के शव को देख बिलख-बिलखकर रोती रही। जिसने भी लड़की को रोते देखा उसकी आंखों से भी आंसू निकल पड़े। जब सचिन का शव एंबुलेंस में ले जाने लगे तो वह भी बार-बार शव वाहन में बैठने की जिद करने लगी। हालांकि किसी तरह मंगेतर को उसके घरवालों ने संभाला और बाद में परिजन उन्हें दूसरी कार में बैठाकर ले गए।