
Kanpur elevated railway project: कानपुर की ट्रैफिक समस्या को हमेशा के लिए अलविदा कहने का वक्त आ गया है। मंधना से अनवरगंज तक बनने वाले एलीवेटेड रेलवे ट्रैक ने शहरवासियों के सपनों को रफ्तार दे दी है। वर्षों से चली आ रही मांग अब ज़मीन पर उतरने जा रही है। यह महत्त्वाकांक्षी परियोजना न सिर्फ यातायात की रफ्तार बढ़ाएगी, बल्कि शहर के बुनियादी ढांचे को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगी।
भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी स्टेशन के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया तेज़ हो गई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के सामने स्थित कृषि विभाग की ज़मीन पर स्टेशन बनाया जाएगा। इसके लिए सरकार से 52 करोड़ रुपये की मांग की गई है।
एलीवेटेड रेलवे ट्रैक की लंबाई 16.25 किमी होगी। जून तक निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। अनुमान है कि यह प्रोजेक्ट 2027 तक पूरा हो जाएगा। निर्माण कार्य के दौरान दो साल तक पैसेंजर ट्रेनें केवल मंधना तक ही संचालित की जाएंगी।
इस परियोजना के तहत कल्याणपुर और रावतपुर स्टेशन को हटाने की योजना है। साथ ही सभी रेलवे क्रॉसिंग को भी समाप्त किया जाएगा ताकि ट्रैफिक बाधा न हो। पीडब्ल्यूडी, नगर निगम और जिला प्रशासन ने इस योजना को लेकर रिपोर्ट तैयार कर ली है।
भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए एलीवेटेड ट्रैक के समानांतर एक अतिरिक्त ट्रैक के लिए भी जगह छोड़ी जा रही है। साल 2004 से इस ट्रैक की मांग की जा रही थी और अब जाकर यह योजना मूर्त रूप ले रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार, 24 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस परियोजना का शिलान्यास कर सकते हैं। मंधना से अनवरगंज तक कुल 18 रेलवे क्रॉसिंग को हटाया जाएगा, जिससे 50 लाख से अधिक लोगों को जाम से राहत मिलेगी।
जिला प्रशासन ने अनवरगंज, जरीब चौकी, गुमटी, कोकाकोला क्रॉसिंग, रावतपुर और कल्याणपुर से मंधना तक ट्रैक के रास्ते की पहचान कर ली है। अब तक 187 अवैध कब्जों को हटाने का काम शुरू हो चुका है और 87 निर्माणों को नोटिस जारी किए गए हैं।
फिलहाल, अनवरगंज-कासगंज रेलमार्ग से 55 जोड़ी यात्री ट्रेनें और 35 मालगाड़ियां चलाई जा रही हैं। हर 30 मिनट में एक बार रेलवे फाटक बंद हो जाता है, जिससे यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा जाती है। अकेले जरीब चौकी से ही हर दिन करीब 2.50 लाख वाहन गुजरते हैं।
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