कानपुर अग्निकांड: कड़ाके की ठंड में उतरवाए गए थे शिवम के कपड़े, घटनास्थल के पास ही तिरपाल डालकर रह रहा परिवार

कानपुर के रूरा थाना क्षेत्र से झोपड़ी में जलकर मां-बेटी की मौत के जुड़े मामले में एक और वीडियो वायरल हो रहा है। यह वीडियो उस दौरान का है जब पीड़ित परिवार अपनी शिकायत लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचा था।

Gaurav Shukla | Published : Feb 21, 2023 8:31 AM IST / Updated: Feb 21 2023, 02:11 PM IST

कानपुर: मड़ौली के चालहा गांव में मां-बेटी की जलकर हुई मौत के मामले में एक और वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। यह वीडियो उस रात का है जब 14 जनवरी को सरकारी जमीन से आंशिक कब्जा हटाए जाने के बाद पीड़ित परिवार मां-बेटी और मवेशियों के साथ माती कलेक्ट्रेट पहुंचे हुए थे।

एडीएम प्रशासन ने दिया था कपड़े उतरवाने का आदेश

कलेक्ट्रेट पहुंचने के बाद वहां पर शिवम की पैंट और कमीज को अधिकारियों ने उतरवा दिया। इसको लेकर एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। हालांकि इस वायरल हो रहे वीडियो की पुष्टि एशियानेट न्यूज हिंदी नहीं करता है। लेकिन शिवम ने बातचीत में यह आरोप लगाया कि एडीएम प्रशासन ने कपड़े उतरवाने का आदेश दिया था। ऐसा इसलिए किया गया जिससे हम लोगों को ठंड लगे और हम सभी वापस चले जाए। एडीएम ने हड़काते हुए हम लोगों को हिरासत में लेने को कहा। इसके बाद मीडिया की मौजूदगी के चलते हमें हिरासत में नहीं लिया गया। इस बीच मेरे (शिवम दीक्षित) के कपड़े उतरवाए गए। मौके पर पुलिस के अधिकारियों के आने के बाद हमें और फटकार लगाई गई और मारने के लिए मुंह तक घूसा ले जाया गया। हालांकि बाद में जांच की बात कहते हुए वापस भेज दिया गया। इस मामले में अभी तक चेक के अलावा हम लोगों की कोई भी सहायता नहीं की गई है।

नहीं हुई थी डीएम नेहा जैन से मुलाकात

गौरतलब है कि 14 जनवरी को राजस्व की टीम कृष्ण गोपाल दीक्षित का सरकारी जमीन से कब्जा हटाने के लिए गई थी। इसके बाद पीड़ित परिजन कृष्ण गोपाल, पत्नी प्रमिला, बेटी नेटा और बेटे शिवम, अंशू के साथ कलेक्ट्रेट फरियाद लेकर गए। यहां डीएम नेहा जैन तो मौके पर नहीं मिली लेकिन एडीएम प्रशासन और अन्य अधिकारियों ने जमकर पीड़ित परिवार को फटकार लगाई। इस बीच कड़ाके की ठंड में शिवम के कपड़े तक उतरवा दिए गए।

घटनास्थल के पास ही तिरपाल डालकर रह रहा परिवार

शिवम ने बताया कि घटना के बाद सरकार की ओर से चेक के अतिरिक्त किसी अन्य तरह की सहायता नहीं की गई है। घटना के बाद अंतिम संस्कार तक तमाम दावे और वादे किए जा रहे थे लेकिन उसके बाद कुछ नहीं हुआ। हम लोग (पीड़ित परिवार) अभी घटनास्थल के बगल में ही तिरपाल डालकर रह रहे हैं।

कानपुर अग्निकांड: मां-बेटी के अंतिम संस्कार के बाद भी अनसुलझी पहेली बने हैं ये 5 सवाल

Share this article
click me!