Kanpur Pan Masala IT RAID: करोड़ों की काली कमाई बेनकाब,कानपुर से NCR तक Black Money का जाल!

Published : Feb 14, 2025, 01:31 PM IST
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सार

SNK pan masala Raid: कानपुर के एसएनके पान मसाला समूह पर आयकर विभाग ने छापा मारा है, जिसमें बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी का खुलासा हुआ है। रियल एस्टेट में निवेश और बोगस कंपनियों के जरिए काली कमाई को सफेद करने का भी आरोप है।

SNK pan masala income tax raid : कानपुर में पांच साल बाद एक बार फिर से एसएनके ब्रांड पान मसाला समूह पर आयकर विभाग का शिकंजा कस गया है। जांच में खुलासा हुआ है कि इस समूह ने बड़े पैमाने पर आयकर और जीएसटी की चोरी की है। वित्तीय लेन-देन कच्चे पर्चों पर दर्ज किए जा रहे थे, जिन्हें बाद में नष्ट कर दिया जाता था। इसके अलावा, सप्लायरों को निर्देश दिए गए थे कि वे अलग-अलग ब्योरा छिपाकर रखें, ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी का खुलासा न हो सके।

जांच के दौरान पता चला कि ई-वे बिलों का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया जा रहा था। एक ही ई-वे बिल का चार-चार बार उपयोग किया गया। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि यह समूह वर्षों से इस तरह की कर चोरी कर रहा है। 2018-19 में एसएनके ब्रांड की शुरुआत हुई थी, जबकि इससे पहले यह कंपनी 'एजे सुगंधी' नाम से संचालित थी।

SNK RAID: 55 करोड़ से अधिक का टर्नओवर और टैक्स चोरी

11 जून 2021 को ग्रीन्सवर्थ इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड नाम से एक कंपनी बनाई गई, जिसका टर्नओवर 2021-22 में 90 करोड़ रुपये, 2022-23 में 125 करोड़ रुपये और 2023-24 में 115 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। मौजूदा वित्तीय वर्ष (2024-25) में इस कंपनी का टर्नओवर 55 करोड़ रुपये से अधिक हो चुका है। इसके अलावा, 1 जुलाई 2023 को 'गोल्ड बॉल फूड स्लाइन प्राइवेट लिमिटेड' नाम से एक और कंपनी शुरू की गई।

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रियल एस्टेट में भारी निवेश (Real Estate Investment Black Money) 

एसएनके समूह ने पान मसाले के कारोबार से प्राप्त अवैध धन को रियल एस्टेट में भी निवेश किया है। दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद सहित एनसीआर के विभिन्न हिस्सों में इसके प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, कानपुर के बिठूर और स्वरूपनगर में भी इस समूह ने बड़े रियल एस्टेट प्रोजेक्ट में पैसा लगाया है। दिल्ली और नोएडा में बन रहे कई मॉल और रिसॉर्ट्स में भी इस काली कमाई का निवेश किया गया है।

जांच को प्रभावी बनाने के लिए विभाग ने दिल्ली से फॉरेंसिक विशेषज्ञों को बुलाया, जिन्होंने मोबाइल, लैपटॉप और कंप्यूटर से डाटा रिकवर किया। यह पाया गया कि कारोबारी, सप्लायर और एजेंसी संचालकों के बीच होने वाली बातचीत और लेन-देन के दस्तावेज़ नियमित रूप से डिलीट कर दिए जाते थे।

बोगस कंपनियों के जरिए अरबों का लेन-देन

जांच के दौरान यह भी सामने आया कि समूह ने कर्मचारियों और घरेलू नौकरों के नाम पर कई बोगस कंपनियां बना रखी थीं। 2019 में जब आयकर विभाग ने पहली बार छापा मारा था, तब 115 बोगस फर्मों के जरिए 80 करोड़ रुपये की हेराफेरी का मामला सामने आया था। मौजूदा जांच में यह खुलासा हुआ है कि विभिन्न कंपनियों के जरिए लिए गए लोन को काली कमाई को सफेद करने के लिए इस्तेमाल किया गया।

पांच साल बाद दोबारा हुई कार्रवाई

सूत्रों के अनुसार, यह पहला ऐसा समूह है जिस पर आयकर विभाग ने पांच साल के भीतर दोबारा कार्रवाई की है। पिछले कुछ वर्षों में डीजीजीआई, सीजीएसटी और एसजीएसटी विभागों ने भी इस पर छापा मारा था, जिसमें कर चोरी के बड़े मामले उजागर हुए थे। अब इस जांच में अन्य पान मसाला ब्रांड भी विभाग के रडार पर आ गए हैं, जिससे पूरे उद्योग में हड़कंप मच गया है।

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