लखनऊ : केजीएमयू में अब इलाज नहीं, जांच भी होगी फ्री! योगी सरकार का बड़ा ऐलान

Published : Oct 29, 2025, 02:14 PM IST
kgmu lucknow trauma centre free treatment and tests

सार

लखनऊ के केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में अब मरीजों को 24 घंटे के भीतर इलाज के साथ-साथ पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी जांच भी मुफ्त मिलेगी। योगी सरकार ने मरीजों को राहत देने के लिए कमेटी बनाई, जो खर्च और मरीजों की संख्या पर रिपोर्ट तैयार करेगी।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राजधानी लखनऊ के मरीजों के लिए एक अहम और राहत भरा फैसला लिया है। अब केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर (KGMU Trauma Centre) आने वाले मरीजों को शुरुआती 24 घंटे तक न केवल मुफ्त इलाज मिलेगा, बल्कि रेडियोलॉजी और पैथोलॉजी जांच भी पूरी तरह निशुल्क होगी। मरीजों पर आर्थिक बोझ कम करने और आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को और प्रभावी बनाने के लिए यह योजना जल्द लागू की जाएगी। इसके लिए केजीएमयू प्रशासन ने पांच सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है, जो इस नीति के व्यावहारिक पहलुओं पर रिपोर्ट तैयार करेगी।

हर दिन इमरजेंसी में पहुंचते हैं 300 से ज्यादा मरीज

केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर लखनऊ का सबसे व्यस्ततम इमरजेंसी केंद्र माना जाता है।प्रशासन के मुताबिक, हर दिन करीब 300 से अधिक मरीज इमरजेंसी में भर्ती होते हैं, जिनमें सड़क हादसे, गंभीर चोटें, और अन्य आपातकालीन स्थितियां शामिल होती हैं।फिलहाल इन मरीजों को इलाज तो मुफ्त दिया जाता है, लेकिन जांच के लिए उन्हें शुल्क देना पड़ता है। अब सरकार इस स्थिति को बदलने जा रही है ताकि मरीजों को 24 घंटे की अवधि में संपूर्ण इलाज और जांच बिना किसी खर्च के मिल सके।

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पहले केवल इलाज था मुफ्त, अब जांच भी शामिल

केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में पहले से ही 24 घंटे का मुफ्त इलाज उपलब्ध है, लेकिन पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी टेस्ट के लिए मरीजों को भुगतान करना पड़ता था। अब प्रशासन ने इन सभी जांचों को भी निशुल्क करने की दिशा में कदम उठाया है। इस निर्णय से उन गरीब और जरूरतमंद मरीजों को सबसे अधिक लाभ मिलेगा, जो महंगी जांचों का खर्च उठाने में सक्षम नहीं होते।

5 सदस्यीय कमेटी करेगी खर्च और व्यवस्था का आकलन

इस योजना को लागू करने से पहले, केजीएमयू प्रशासन ने एक पांच सदस्यीय समिति गठित की है। इस कमेटी में शामिल हैं:

  • डॉ. सुरेश कुमार, चिकित्सा अधीक्षक
  • डॉ. प्रेमराज सिंह, ट्रॉमा सेंटर के CMS
  • डॉ. अमिय अग्रवाल, ट्रॉमा सेंटर के चिकित्सा अधीक्षक
  • वित्त और IT विशेषज्ञ

इन अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे जल्द से जल्द मरीजों की संख्या, जांच पर आने वाले खर्च और संसाधनों की उपलब्धता पर रिपोर्ट तैयार करें।

कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर होगा बड़ा फैसला

कमेटी अब यह आकलन कर रही है कि—

  • ट्रॉमा सेंटर में रोज कितने मरीज आते हैं,
  • औसतन कितनी जांचें कराई जाती हैं,
  • और इन पर कितना खर्च आता है।

एक बार यह रिपोर्ट तैयार हो जाने के बाद, इसे केजीएमयू प्रशासन के माध्यम से उत्तर प्रदेश सरकार को सौंपा जाएगा।इसके आधार पर सरकार अंतिम निर्णय लेगी कि मुफ्त जांच नीति को किस मॉडल पर लागू किया जाए।

मरीजों के लिए बड़ी राहत, स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ेगी

यह फैसला प्रदेश की स्वास्थ्य नीति में एक बड़ा सुधार माना जा रहा है। इससे न केवल गरीब मरीजों को राहत मिलेगी, बल्कि आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता भी बेहतर होगी। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम “स्वस्थ उत्तर प्रदेश” के लक्ष्य की दिशा में एक अहम पहल है, जो सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों पर जनता का भरोसा मजबूत करेगा।

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