खाटू श्याम मंदिर में सिर्फ decent ड्रेस में एंट्री: छोटे कपड़े, मिनी स्कर्ट, नाइट सूट, फटी जींस पहनकर आने पर दर्शन नहीं कर पाएंगे

अगर कोई भक्त फैशनेबल कपड़ें पहनकर आ रहा तो वह मंदिर के बाहर से ही दर्शन करें। मंदिर का यह फरमान, उत्तराखंड में महा निर्वाणी अखाड़े के तीन प्रमुख मंदिरों द्वारा अपने भक्तों के लिए ड्रेस कोड लागू होने के बाद आया है।

Dheerendra Gopal | Published : Jun 30, 2023 2:35 PM IST / Updated: Jun 30 2023, 08:28 PM IST

Khatu Shyam temple dress code: यूपी के हापुड में खाटू श्याम मंदिर अपने भक्तों के लिए एक ड्रेस कोड लागू किया है। मंदिर समिति ने एक आदेश में, भक्तों से मंदिर में सभ्य कपड़े पहन कर आने का अनुरोध किया है। भक्त मंदिर में वेस्टर्न कपड़ें पहनकर न आएं। अगर कोई भक्त फैशनेबल कपड़ें पहनकर आ रहा तो वह मंदिर के बाहर से ही दर्शन करें। मंदिर का यह फरमान, उत्तराखंड में महा निर्वाणी अखाड़े के तीन प्रमुख मंदिरों द्वारा अपने भक्तों के लिए ड्रेस कोड लागू होने के बाद आया है।

किस तरह के कपड़ों पर लगाया प्रतिबंध?

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मंदिर समिति ने आदेश के तहत छोटे कपड़ें, हाफ पैंट, बरमूडा, मिनी स्कर्ट, नाइट सूट, फटी जींस को पहनकर मंदिर में प्रवेश पर प्रतिबंधित कर दिया है। समिति ने सभी महिलाओं और पुरुषों पर इस ड्रेस कोड को लागू किया है।

महानिर्वाणी अखाड़े के तीन मंदिरों में प्रवेश पर बैन

हापुड़ के खाटू श्याम मंदिर के पहले उत्तराखंड में महानिर्वाणी अखाड़े के तीन प्रमुख मंदिरों में भक्तों के लिए ड्रेस कोड लागू किया गया है। इन मंदिरों में हरिद्वार के कनखल में दक्ष प्रजापति मंदिर, पौडी जिले में नीलकंठ महादेव मंदिर और देहरादून में टपकेश्वर महादेव मंदिर शामिल हैं।

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने कहा-शरीर का कम से कम 80 प्रतिशत हिस्सा ढककर आएं मंदिर

महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने फरमान जारी किया कि महिलाएं और लड़कियां छोटे कपड़े नहीं पहन सकती हैं। महानिर्वाणी अखाड़े के तीनों मंदिरों में प्रवेश नहीं कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि अखाड़े ने मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की है कि मंदिर आत्ममंथन का स्थान है, मनोरंजन का नहीं। महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से महिलाओं और लड़कियों से अपील की गई है कि अगर वे मंदिर में पूजा के लिए आ रही हैं तो भारतीय परंपरा के अनुसार कपड़े पहनें, तभी उन्हें मंदिर में प्रवेश मिलेगा। पुरी ने महिलाओं के साथ-साथ उनके परिवार के सदस्यों से भी अपील की थी कि वे अपने शरीर का कम से कम 80 प्रतिशत हिस्सा ढककर ही मंदिरों में आएं।

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