
हापुड़। अक्खापुर गांव में शनिवार को आयोजित ‘कृषि चौपाल’ में करीब 450 किसानों ने उत्साह के साथ हिस्सा लिया। इस चौपाल का आयोजन भी किसानों ने ही किया, और चर्चा की पूरी जिम्मेदारी भी उन्हीं ने संभाली। खेतों में बैठकर किसानों ने बताया कि योगी सरकार की नीतियों और फैसलों ने उनके जीवन में बड़ा बदलाव लाया है।
किसानों ने कहा कि प्रदेश की बेहतर सुरक्षा व्यवस्था और लगातार मिल रही बिजली आपूर्ति से अन्नदाता समृद्ध हो रहा है। फसल चोरी बंद हुई है, बिचौलियों का दबदबा खत्म हुआ और अब हर किसान को उसके मेहनत का पूरा दाम मिल रहा है। गन्ना मूल्य में हाल ही में हुई 30 रुपये की ऐतिहासिक बढ़ोतरी पर किसानों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार जताया।
कृषि चौपाल में राजेंद्र सिंह और महिपाल सिंह ने अपनी अनुभव-कहानी साझा की। उन्होंने कहा कि चीनी मिलें समय पर भुगतान कर रही हैं और 30 रुपये प्रति कुंतल गन्ना मूल्य वृद्धि किसानों के लिए बड़ी राहत है। पिछले साढ़े आठ वर्षों में पूरे प्रदेश में बिना भेदभाव के समान बिजली आपूर्ति हुई है। इससे खेतों का सिंचाई प्रबंधन सुधरा, फसलों की उत्पादकता बढ़ी और किसानों के जीवन में स्थायी परिवर्तन आया।
किसान दानबीर सिंह और जोगिंदर सिंह ने कहा कि 2017 के बाद से उत्तर प्रदेश में कानून का राज स्थापित हुआ है। अपराधियों पर लगाम कसने से गांव-कस्बों में सुरक्षा बढ़ी और हर वर्ग खुशहाल हुआ। उन्होंने कहा
जब किसान सुरक्षित, सम्मानित और निडर होकर खेती करता है, तब ही प्रदेश समृद्ध बनता है। यह परिवर्तन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों का परिणाम है।
किसान मनबीर प्रधान ने कहा कि योगी सरकार ने गरीब किसानों की जिंदगी में मुस्कान लौटाई है। गन्ना मूल्य वृद्धि ने किसानों की आय बढ़ाई है। उन्होंने कहा कि यदि अन्नदाता समृद्ध रहेगा तो प्रदेश का हर घर खुशहाल होगा। हापुड़ के किसानों ने मुख्यमंत्री के प्रति धन्यवाद व्यक्त किया।
कार्यक्रम में रमेश सिंह, अमरपाल सिंह, संसारपाल सिंह, सुदेश सिंह, भुजबीर सिंह, लोकेंद्र सिंह, जयपाल सिंह सहित कई किसान मौजूद रहे। सभी ने अपनी समस्याएं, सुझाव और अनुभव साझा किए, जो सीधा सरकार तक पहुंचाए जाएंगे।
सरकार ने पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ने का मूल्य बढ़ाकर बड़ी राहत दी-
इस वृद्धि से राज्य के गन्ना किसानों को लगभग ₹3000 करोड़ का अतिरिक्त लाभ मिलेगा। यह योगी सरकार के कार्यकाल में गन्ना मूल्य वृद्धि की चौथी बड़ी घोषणा है।
बागपत और हापुड़ के बाद अब 7 और 8 दिसंबर को शामली में ‘कृषि चौपाल’ आयोजित होगी-
इसके बाद 10-11 दिसंबर को मुजफ्फरनगर के यहियापुर और दाहोद गांव में चौपाल लगेगी। किसानों के सुझाव सीधे सरकार तक भेजे जाएंगे और नीतिगत सुधारों में शामिल किए जाएंगे।
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