लेडी डॉन ने लूट के लिए बनाया था पूरा गैंग, मेरठ के बाद आगरा और नोएडा का था टारगेट

मेरठ में पुलिस की गिरफ्त में आए एक गैंग ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। गिरोह मौज मस्ती के लिए लूट की घटनाओं को अंजाम देने का प्लान बना रहा था। मेरठ के बाद वह आगरा और नोएडा में अगला शिकार बनाने की तैयारी में थे।

Contributor Asianet | Published : Jan 20, 2023 10:26 AM IST

मेरठ: विजय नगर में आरएसएस के नगर सह संयोजक और सर्राफा व्यापारी विजयवीर रस्तोगी के घर डाका डलाने के प्रयास की घटना का खुलासा क्राइम ब्रांच ने किया है। पुलिस की ओर से साझा की गई जानकारी के अनुसार विजयवीर रस्तोगी के परिवार की भतीजी और जिम ट्रेनर देहली गेट नील की गली निवासी भावना रस्तोगी की पुत्री वंशिका ने इस वारदात को अंजाम देने का प्रयास किया ता। उसके साथ प्रेमी विवेक बिष्ठ भी था। पुलिस ने इस मामले में मां-बेटी और प्रेमी समेत एक अन्य साथी को गिरफ्तार कर लिया है।

पालतू कुत्ते ने हमला कर बचाया

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मामले में एक आरोपी अलीपुर परीक्षितगढ़ निवासी आयुष त्यागी अभी भी फरार चल रहा है। उसकी गिरफ्तारी को लेकर पुलिस लगातार दबिश दे रही है। आपको बता दें कि 15 जनवरी को शाम को किराए पर घर लेने के बहाने से यह लोग सर्राफा व्यापारी विजयवीर के घर में दाखिल हुए थे। इस बीच घर के ही पालतू कुत्ते ने उन पर हमला कर घटना होने से बचा लिया। इसके बाद मामले में सिविल लाइन में मुकदमा दर्ज किया गया। एसएसपी ने इस घटना के लिए खुलासे के लिए क्राइम ब्रांच की टीम को लगाया था।

घटना में हुए फेल, सीसीटीवी की मदद से पकड़े गए आरोपी

मामले को लेकर एसपी क्राइम अनित कुमार ने बताया कि मास्टरमाइंड भावना रस्तोगी ने पुत्री वंशिका के साथ डाका डालने की पूरी प्लानिंग की थी। इसको लेकर वंशिका ने अपने प्रेमी को भी मां से मिलवाया था। इस घटना के लिए मुरादाबाद के साथी मोहित और आयुष को भी तैयार किया गया। तय प्लान के तहत ही वह लोग कोठी पर पहुंचे। इस बीच वंशिका और विवके कुछ दूरी पर रुक गए। हालांकि इस घटना में सफलता नहीं मिली। घटना की सीसीटीवी विजयवीर को दिखाए जाने के बाद आरोपी पकड़ में आ गए। आरोपियों ने बताया कि वह पैसों से मौज-मस्ती करते थे। पुलिस ने मोहित और विवेक के पास से तमंचा और कारतूस भी बरामद किया है।

आगरा और उसके बाद नोएडा में था लूट का प्लान

आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि यहां लूट की घटना को अंजाम देने के बाद अगला टारगेट आगरा का था। आगरा में किराए पर मकान लेकर बड़े सर्राफा कारोबारी की रेकी की जाती। इसके बाद वहां डाका डालकर सभी लोग नोएडा फरार होते और अगला टारगेट वहां बनाया जाता। हालांकि इससे पहले ही पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

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